राष्ट्रीय हिंदी साप्ताहिक- तृप्ति प्रमाण
नई दिल्ली | 21 नवंबर 2025
भारत में आज से श्रम व्यवस्था से जुड़े चार प्रमुख श्रम संहिताओं (Labour Codes) को लागू कर दिया गया है। नए नियमों का उद्देश्य श्रमिकों को अधिक सुरक्षा, पारदर्शिता और न्यायपूर्ण वेतन प्रदान करना है। इन प्रावधानों के लागू होने से स्थायी, अस्थायी, कॉन्ट्रैक्ट, फिक्स्ड-टर्म, गिग वर्कर्स और प्लेटफॉर्म कर्मचारियों सहित करोड़ों कामगारों को सीधा लाभ मिलेगा।
- ग्रेच्युटी पर बड़ा सुधार — एक साल की नौकरी में हक
नए कोड में ग्रेच्युटी के पुराने पाँच वर्षीय प्रावधान को बदलकर अब इसे सिर्फ एक साल की सेवा के बाद लागू कर दिया गया है।
इससे कॉन्ट्रैक्ट और फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा।
पहले कम अवधि के कॉन्ट्रैक्ट के कारण कर्मचारी ग्रेच्युटी के दायरे से बाहर रह जाते थे।
यह बदलाव श्रमिक लाभों के दायरे को व्यापक बनाता है।
- कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को स्थायी जैसी सुविधाएँ
नए नियमों के अनुसार फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों के समान
वेतनमान (Pay Scale)
छुट्टियाँ (Leave Benefits)
भत्ते (Allowances)
सामाजिक सुरक्षा लाभ
दिए जाएंगे।
हर कर्मचारी को नियुक्ति के समय नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य किया गया है, जिससे नौकरी की पारदर्शिता बढ़ेगी और शोषण पर रोक लगेगी।
- ओवरटाइम पर दोगुना भुगतान अनिवार्य
नए कानूनों के अनुसार निर्धारित कार्य घंटों से अधिक काम करवाने पर हर कर्मचारी को Double Overtime Payment मिलेगा।
ओवरटाइम की रिकॉर्डिंग और भुगतान की प्रक्रिया पारदर्शी होगी।
श्रमिकों की सहमति के बिना ओवरटाइम कार्य अब संभव नहीं।
यह प्रावधान कर्मचारियों के समय और अतिरिक्त श्रम का उचित सम्मान सुनिश्चित करता है।
- न्यूनतम वेतन की統 व्यवस्था लागू
पूरे देश में न्यूनतम मजदूरी की एकीकृत व्यवस्था लागू की गई है।
किसी भी नियोक्ता द्वारा न्यूनतम वेतन से कम भुगतान करना अब दंडनीय अपराध है।
असंगठित क्षेत्र के लाखों श्रमिकों को इससे सुरक्षा मिलेगी।
यह कदम श्रमिकों की आय को स्थिर और सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
- सुरक्षा और स्वास्थ्य के नियम सख्त
नए कोड में कार्यस्थल की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया गया है।
40 वर्ष से ऊपर कर्मचारियों के लिए अनिवार्य वार्षिक स्वास्थ्य जांच।
खतरनाक उद्योगों के लिए प्रशिक्षण, सुरक्षा उपकरण और आपात-उद्धार मानक और अधिक कठोर।
कार्यस्थल दुर्घटना के लिए मुआवजा और सहायता नियम मजबूत किए गए हैं।
- महिलाओं और विशेष श्रेणी के कर्मचारियों के लिए नए प्रावधान
महिलाओं को समान कार्य के लिए समान वेतन का अधिकार और नाइट शिफ्ट में काम की अनुमति सख्त सुरक्षा प्रावधानों के साथ दी गई है।
मातृत्व लाभ के नियम और व्यापक किए गए हैं।
- गिग वर्कर्स और प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स को पहली बार कानूनी पहचान
ऐप आधारित ड्राइवर, फूड डिलीवरी पार्टनर और फ्रीलांसर पहली बार कानून में शामिल किए गए हैं।
सामाजिक सुरक्षा फंड
बीमा
सहायता योजनाएँ
इन कामगारों के लिए उपलब्ध होंगी।