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“वक्फ संशोधन कानून के बाद महाराष्ट्र सरकार एक्शन में, मराठवाड़ा में अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई की तैयारी”

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वक्फ संशोधन कानून के लागू होते ही महाराष्ट्र सरकार ने वक्फ संपत्तियों पर हो रहे अतिक्रमण के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि मराठवाड़ा क्षेत्र में लगभग 60 प्रतिशत वक्फ भूमि पर अवैध कब्जा है, जिसे जल्द हटाया जाएगा।

वक्फ संशोधन बिल को संसद से पास होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है और अब यह विधेयक कानून बन चुका है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने आरोप लगाया कि कुछ नेताओं ने वक्फ की जमीनों पर बड़े पैमाने पर कब्जा कर घोटाला किया है। उनका कहना है कि नए कानून से पारदर्शिता आएगी और गरीब मुसलमानों को इसका लाभ मिलेगा।

पहले वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा होने पर कोई स्पष्ट अपील प्रक्रिया नहीं थी, लेकिन संशोधन के बाद अब इसके लिए कानूनी व्यवस्था उपलब्ध हो गई है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तीखी

वहीं, इस मुद्दे पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आई है। शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत ने केंद्र और राज्य सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह कानून मुसलमानों की भलाई के लिए नहीं, बल्कि वक्फ की संपत्तियों पर नियंत्रण पाने के लिए लाया गया है।

उन्होंने कहा, “मुसलमानों की चिंता नहीं है, इनकी नजर वक्फ बोर्ड की जमीनों पर है। आने वाले समय में देखा जाएगा कि ये जमीनें किसके पास जाती हैं।”

राउत ने एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल पर भी निशाना साधते हुए कहा, “कल तक जो बीजेपी की चमचागिरी कर रहे थे, वो आज निष्ठा की बातें कर रहे हैं।”

अबू आजमी का बयान

समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने भी इस कानून का विरोध करते हुए कहा कि वक्फ संपत्ति हमारे बुजुर्गों की दी हुई है और यह सरकार की नहीं है। उन्होंने कहा, “मुसलमानों ने इस देश की आज़ादी के लिए कुर्बानी दी है, और उन्हें उनके हक से वंचित नहीं किया जा सकता।”

आजमी ने आरोप लगाया कि 2014 के बाद से सरकार मुसलमानों के खिलाफ फैसले ले रही है। उन्होंने NRC और CAA का हवाला देते हुए कहा कि यह सरकार एक खास समुदाय को निशाना बना रही है।

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Rajesh