मुंबई, पश्चिम रेलवे के महत्वाकांक्षी डहाणू से विरार तक रेल मार्ग के चौपटरीकरण प्रोजेक्ट को अब तेज गति मिल गई है। इस परियोजना के तहत पश्चिम रेलवे ने बड़े पैमाने पर कार्य शुरू कर दिया है, जिससे पालघर जिले के लाखों उपनगरीय यात्रियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
यात्रियों की परेशानियाँ कम होंगी
वर्तमान में, डहाणू-विरार खंड पर केवल दो ट्रैक ही उपलब्ध हैं, जिन पर पैसेंजर और मालगाड़ियाँ एक साथ चलती हैं। लेकिन बढ़ती यात्री और माल वाहन संख्या के कारण इन ट्रैकों पर भारी दबाव बना हुआ है। इसके चलते यात्रियों को अक्सर देरी, भीड़भाड़ और ट्रेनों के समय परिवर्तन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
चौपटरीकरण के बाद यह स्थिति बदल जाएगी। नए प्लान के अनुसार, दो ट्रैक केवल यात्री ट्रेनों के लिए और दो ट्रैक अनन्य रूप से मालवाहन के लिए आरक्षित होंगे। इससे ट्रेनों की गति और समयसूची में सुधार होगा तथा मुंबई की ओर जाने वाली लोकल ट्रेनों पर दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा।
7 नए स्टेशन और 2027 तक पूर्णता का लक्ष्य
पिछले कई वर्षों से बढ़ती आबादी और औद्योगिक विकास के चलते बेहतर रेल सुविधाओं की मांग लगातार बढ़ रही थी। अब रेल प्रशासन ने इस मांग पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
इस परियोजना के तहत 7 नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा।
इनमें वाढीव, सुरतोडी, माकूणसार, चिटू पाडा, पांचाली, वंजारवाडा और बीएसएफ कॉलोनी शामिल हैं।
रेलवे प्रशासन के अनुमान के अनुसार, डहाणू तक का चौपटरीकरण कार्य 2027 तक पूरा होने की संभावना है।
भविष्य की ओर एक बड़ा कदम
डहाणू-विरार चौपटरीकरण और 7 नए स्टेशनों के निर्माण से आने वाले कुछ वर्षों में इस मार्ग पर यात्रा करने वाले लाखों लोगों के दैनिक जीवन में सकारात्मक और महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। यह परियोजना न केवल यात्री सुविधा में सुधार लाएगी, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी योगदान देगी।
संपादकीय टिप्पणी: यह परियोजना मुंबई महानगर क्षेत्र के उत्तरी छोर पर रहने वाले लाखों लोगों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है, जिन्हें अब तक अपर्याप्त बुनियादी ढांचे के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।