महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई तथा इसके उपनगरों में मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच होने वाले किराया समझौतों को अधिक पारदर्शी और कानूनी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब हर किराया अनुबंध को ऑनलाइन पंजीकृत कराना अनिवार्य हो गया है।
मुख्य नियमों में शामिल हैं:
- अब कोई भी लीज़ या लाइसेंस एग्रीमेंट (Leave and License Agreement) केवल स्टाम्प पेपर पर तैयार करने से पर्याप्त नहीं रहेगा।
- समझौते को महाराष्ट्र किराया नियंत्रण अधिनियम, 1999 के तहत आधिकारिक रूप से ऑनलाइन पंजीकृत कराना अनिवार्य है।
- बिना पंजीकरण के किराये पर मकान देने वाले मालिक के खिलाफ ₹5,000 का जुर्माना या तीन महीने की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है।
इस कदम के फायदे:
- इस पहल से किरायेदारों और मकान मालिकों के बीच कानूनी स्पष्टता बढ़ेगी।
- भविष्य में होने वाले किराया विवादों से बचने में मदद मिलेगी।
- सौदे अब अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय होंगे, जिससे दोनों पक्षों को सुरक्षा प्राप्त होगी।
यह नियम तत्काल प्रभावी है, और सभी संबंधित पक्षों को इसका पालन सुनिश्चित करने की सलाह दी जाती है।
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