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** अखिल भारतीय जनवादी महिला संगठन का तेरहवां राज्य सम्मेलन — महिलाओं के अधिकार, समानता और संघर्ष का जोशपूर्ण आगाज़ |

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डहाणू में 35 हजार महिलाओं की रैली, एकता और सशक्तिकरण का भव्य प्रदर्शन

📍 डहाणू, दिनांक 1 नवंबर 2025 (प्रतिनिधि)

अखिल भारतीय जनवादी महिला संगठन (ज.म.सं.) का तेरहवां राज्य सम्मेलन आज डहाणू शहर में अपार उत्साह और संघर्ष भावना के साथ प्रारंभ हुआ।
सुबह तारपा चौक से पारनाका तक लगभग 35 हजार महिलाओं की ऐतिहासिक रैली निकाली गई, जिसने पूरे क्षेत्र में एकजुट महिला शक्ति का भव्य प्रदर्शन किया।
रैली का समापन एक विशाल सभा में हुआ, जिसमें महाराष्ट्र के कोने-कोने से आईं महिला प्रतिनिधियों ने अपनी भागीदारी दर्ज कराई।

  • सम्मेलन का उद्घाटन और मुख्य अतिथि उपस्थितियां

इस राज्य सम्मेलन का उद्घाटन सत्र अत्यंत प्रभावशाली और जोशपूर्ण रहा।
मुख्य अतिथियों में डहाणू के विधायक कॉमरेड विनोद निकोले, अखिल भारतीय जनवादी महिला संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्षा व सांसद कॉमरेड मरियम ढवळे, राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड प्राची हातवलीकर, महाराष्ट्र राज्य सचिव कॉमरेड लहानी दौडा (पालघर जिलाध्यक्ष) और कॉमरेड सुनीता शिंगडा (पालघर जिला सचिव) विशेष रूप से उपस्थित रहीं।

सभी वक्ताओं ने अपने उद्बोधन में महिलाओं के बढ़ते संघर्ष, समाज में समानता की आवश्यकता और वर्तमान शासन की असफल नीतियों पर खुलकर चर्चा की।

  • कॉ. विनोद निकोले का तीखा प्रहार — “सरकार किसानों और महिलाओं से किए वादे भूल गई है”

सभा को संबोधित करते हुए विधायक कॉ. विनोद निकोले ने कहा कि —

“महाराष्ट्र में महिलाएं आज भी अत्याचार, अन्याय और असमानता का सामना कर रही हैं। सरकार केवल भाषणों में महिला सशक्तिकरण की बात करती है, ज़मीनी स्तर पर कुछ नहीं होता।”

उन्होंने महाराष्ट्र में बढ़ते भ्रष्टाचार, ओला-दुष्काळ (असमय वर्षा) के कारण किसानों की बिगड़ती हालत, और राज्य की निष्क्रिय प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए।
निकोलें ने यह भी कहा कि —

“राज्य सरकार को तुरंत ओला-दुष्काळ घोषित करना चाहिए और प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए।”

उन्होंने तीखे शब्दों में कहा

“चुनाव आते ही सरकारें महिलाओं और किसानों के नाम पर झूठे वादे करती हैं, पर जैसे ही चुनाव खत्म होता है, जनता को धोखा दिया जाता है। यह केवल सत्ता के लालच की राजनीति है।”

महिला शक्ति का अभूतपूर्व प्रदर्शन — नारे, गीत और एकजुटता की आवाज़

सभा स्थल पर हजारों महिलाओं ने अपने नारों और गीतों से पूरा वातावरण गूंजा दिया।
“महिलाओं को न्याय दो!, किसानों को अधिकार दो!, श्रम का सम्मान करो!” जैसे नारों से डहाणू की सड़कों पर जनशक्ति का ज्वार उमड़ पड़ा।

विभिन्न जिलों से आई महिला प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं, बेरोजगारी, सुरक्षा, और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर अपनी बातें रखीं।
यह सम्मेलन एक आंदोलनात्मक एकता का प्रतीक बन गया।

  • सम्मेलन के विषय और प्रस्तावित चर्चा

दो दिवसीय इस राज्य सम्मेलन में निम्न प्रमुख विषयों पर सत्र आयोजित किए जा रहे हैं —

  1. महिला अधिकार और समान अवसर
  2. ग्रामीण महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण
  3. कृषि संकट और महिला किसान की भूमिका
  4. महिला सुरक्षा, शिक्षा और रोजगार
  5. सामाजिक न्याय और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा

प्रत्येक सत्र में राज्य और राष्ट्रीय स्तर की वरिष्ठ महिला कार्यकर्ताओं द्वारा प्रस्तुतिकरण और खुली चर्चा की जाएगी।

  • विश्लेषण (Editoria*l Viewpoint)

यह सम्मेलन केवल एक संगठनात्मक कार्यक्रम नहीं बल्कि महिला आंदोलन की नई दिशा का उद्घोष है।
महाराष्ट्र के ग्रामीण और शहरी इलाकों से आई महिलाओं ने यह संदेश दिया कि वे अब केवल दर्शक नहीं, बल्कि परिवर्तन की वाहक हैं।

अखिल भारतीय जनवादी महिला संगठन के इस अधिवेशन ने स्पष्ट कर दिया है कि महिलाओं के संघर्ष की धारा अब केवल हक़ की मांग तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि समानता और सामाजिक न्याय की निर्णायक लड़ाई में बदल चुकी है।

💬 मुख्य उद्धरण (Highlight Box)

🗣 “राज्य सरकार को तुरंत ओला-दुष्काळ घोषित कर किसानों को प्रति एकड़ 50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान करनी चाहिए।”
कॉमरेड विनोद निकोले, विधायक डहाणू

🗣 “यह सम्मेलन महिलाओं के आत्मविश्वास और संघर्ष के नए युग की शुरुआत है।”
कॉ. मरियम ढवळे, राष्ट्रीय अध्यक्षा, ज.म.सं.

📸 दृश्य झलक (Visual Highlight)

– तारपा चौक से पारनाका तक महिलाओं की 35 हजार की एकता रैली
– संगठन के लाल झंडों और नारों से गूंजता डहाणू
– मंच पर एक साथ महिला नेतृत्व की प्रेरक उपस्थिति

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Rajesh