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केंद्रीय सरकार दक्षता पदक घोषितपालघ पुलिस अधिकारी गणपत पिंगले को मिला राष्ट्रीय सम्मान |

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संदिग्ध पत्र प्रकरण में उत्कृष्ट तकनीकी जांच और सत्य की खोज के लिए मिला गौरव

🔷 संदिग्ध पत्र से शुरू हुई जांच

पालघर पुलिस थाने में एक संदिग्ध पत्र की प्राप्ति हुई थी, जिसमें एक अज्ञात महिला का उल्लेख किया गया था — परंतु उसका नाम दर्ज नहीं था। यह पत्र उपविभागीय पुलिस अधिकारी गणपत पिंगले (बी.ए., एल.एल.बी.) को प्राप्त हुआ।
पत्र की सामग्री संदिग्ध प्रतीत होने पर पिंगले ने तत्काल जांच प्रारंभ की।

  • तकनीकी और विवेचनात्मक जांच

जांच के दौरान पुलिस ने कई आधुनिक तकनीकें अपनाईं — जिनमें ‘मन’ तकनीकी पद्धति, ‘साइबर DIB’ (Cyber DIB) की सहायता, तथा विशेष विवेचना दल का सहयोग शामिल था।
इन तकनीकी प्रयासों से पुलिस को उस महिला का पता चला, और उसके विरुद्ध औपचारिक जांच आरंभ की गई।

  • सच सामने आया

महिला से पूछताछ में कई विरोधाभास पाए गए। तकनीकी विश्लेषण से स्पष्ट हुआ कि उसने मनोरंजन और आर्थिक लाभ के उद्देश्य से यह सब रचा था।
उसने स्वयं ही वह संदिग्ध पत्र लिखा था — जिसमें उसने खुद को यौनकर्मी के रूप में प्रस्तुत किया।
साथ ही उसने अपने पूर्व प्रेमी को बदनाम करने का प्रयास किया और उसके घर से पैसे व वस्तुएं भी चुराईं।

पुलिस की निर्णायक कार्रवाई

महिला के घर से चोरी किया गया सामान, पेट्रोल की बोतलें और माचिस बरामद की गईं।
सभी सबूतों और बयानों के आधार पर उसे न्यायालयीन हिरासत में भेजा गया।
जांच की निष्पक्षता और कानूनी दृढ़ता ने इस मामले को राज्य भर में चर्चित बना दिया।

सम्मान का क्षण

इस संपूर्ण प्रकरण की जांच का नेतृत्व श्री गणपत पिंगले, तत्कालीन उपविभागीय पुलिस अधिकारी, जव्हार विभाग, जिला पालघर तथा वर्तमान में सहायक पुलिस आयुक्त, मिरा-भाईंदर, वसई-विरार पुलिस आयुक्तालय द्वारा किया गया।
उनकी विवेकपूर्ण जांच, तकनीकी दक्षता और निष्पक्ष दृष्टिकोण के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने उन्हें
“केंद्रीय सरकार दक्षता पदक” (Central Government Efficiency Medal) से सम्मानित किया।

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Rajesh