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⚖ पालघर के चहाडे में कातकरी समाज के साथ अन्याय पर तात्कालिक कार्रवाई — राशन दुकानदार पर मामला दर्ज, लाइसेंस रद्द |

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पालघर, 14 अक्टूबर (हिंद आवाज मीडिया):
पालघर तालुका के चहाडे ग्राम स्थित कातकरी पाड़ा में आदिवासी कातकरी समाज के लोगों के साथ हुए अन्याय पर प्रशासन ने त्वरित और कड़ी कार्रवाई की है। राशन देने में जानबूझकर टालमटोल करने वाले दुकानदार पर आखिरकार पुलिस मामला दर्ज कर उसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार, आदिवासी समाज के राम शांताराम गरेल, जो एक दिव्यांग शिधा पत्रिका धारक (राशन कार्डधारक) हैं, उन्हें दुकानदार ने ऑनलाइन पावती निकालने के बावजूद राशन देने से मना कर दिया। यही नहीं, लगभग 15 अन्य कार्डधारकों को भी इसी प्रकार राशन देने से इंकार किया गया।

यह गंभीर मामला जब श्रमजीवी संगठन के कार्यकर्ताओं के ध्यानात आया, तो उन्होंने तत्काल प्रशासन से जवाब तलब किया।

रात के समय ही श्रमजीवी संगठन के तालुका अध्यक्ष उल्हास पाटिल, सचिव हीना वनगा, माजी अध्यक्ष अधिवक्ता राजेश राऊत, तथा शंकर वरखंडे, सुदाम धिंडा, प्रमिला पवार, कैलास त्रिवेदी, महेंद्र पाटिल, मनोज कवळी आदि कार्यकर्ता और कातकरी समाज के सदस्य तहसीलदार रमेश शेंडगे के कार्यालय पहुंचे।

इन कार्यकर्ताओं ने पुरवठा अधिकारी (Supply Officer) विजय बच्चे को कटघरे में खड़ा करते हुए तात्कालिक कार्रवाई की जोरदार मांग की।

मामले की गंभीरता को देखते हुए तहसीलदार शेंडगे ने तत्काल जांच के आदेश दिए। इसके बाद रात साढ़े बारह बजे, पुरवठा अधिकारी विजय बच्चे की मौजूदगी में पालघर पुलिस थाने में संबंधित राशन दुकानदार पर औपचारिक रूप से आपराधिक मामला दर्ज किया गया और उसका राशन लाइसेंस रद्द कर दिया गया।

इस प्रकरण में चहाडे के स्थानीय कार्यकर्ता राम गरेल, उल्हास पाटिल, हीना वनगा, प्रमिला पवार, शंकर वरखंडे, कैलास त्रिवेदी, और अधिवक्ता राजेश राऊत ने लगातार और दृढ़ता से प्रशासन पर दबाव बनाए रखा, जिसके परिणामस्वरूप आदिवासी समाज को तात्कालिक न्याय मिल सका।

✍ विश्लेषण:

यह घटना न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में राशन वितरण प्रणाली की खामियों को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जब सामाजिक संगठन एकजुट होकर अन्याय के खिलाफ खड़े होते हैं, तो प्रशासन को भी जवाबदेह बनना पड़ता है। श्रमजीवी संघटना के कार्यकर्ताओं की तत्परता और कातकरी समाज की एकजुटता ने प्रशासन को कार्रवाई के लिए मजबूर किया। यह मामला आने वाले समय में समान घटनाओं के लिए नजीर साबित हो सकता है।

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Rajesh