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बादाम: प्रकृति का वरदान – डॉ. मीना अग्रवाल, नेचुरोपैथी |

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बादाम को सूखे मेवों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यह विश्वभर में एक प्रसिद्ध और पौष्टिक मेवा है। बादाम की अत्यधिक लागत के कारण इसका सेवन अधिकतर धनिक वर्ग तक सीमित है। हालांकि, गरीब वर्ग भी कभी-कभी इसे औषधि के रूप में या मूंगफली (चीनी बादाम) के माध्यम से इसका लाभ लेते हैं।

इसके औषधीय गुणों के कारण बादाम का उपयोग शताब्दियों से किया जा रहा है। इसका मूल निवास स्थान पश्चिम एशिया माना जाता है। आज यह इटली, फ्रांस, पुर्तगाल, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, कैलिफोर्निया और अन्य कई देशों में खेती के रूप में भी होता है। 25 फुट ऊंचे बादाम के पेड़ पर गुलाबी और सफेद फूल लगते हैं, जो बेहद सुंदर लगते हैं। कैलिफोर्निया के लोग इन फूलों से घरों को सजाते हैं।

कड़वे बादाम से सुगंधित तेल और श्रृंगार प्रसाधन बनाए जाते हैं, लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से हमेशा मीठा बादाम ही खाना चाहिए।

💡 बादाम के स्वास्थ्य लाभ:
प्रोटीन का उत्कृष्ट स्रोत : बादाम में यूरिक एसिड, यूरिया या अन्य विषैले तत्व नहीं होते, इसलिए गठिया रोगियों के लिए यह सबसे बेहतरीन प्रोटीन स्रोत है।
हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक : बादाम का तेल विकृति से मुक्त और स्थायी होता है। यह रोगाणुओं से मुक्त होने के कारण लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
पाचन के लिए सहायक : बादाम पचने में हल्का होता है और मिठाई बनाने में भी उपयोगी है।
छिलके निकालकर खाएं : बादाम के छिलकों में प्रदाहकारी लवण होते हैं, इसलिए छिलका निकालकर ही इसका सेवन करें।
🩺 औषधीय उपयोग:
बादाम का प्रयोग रिकेट्स, नेफ्राइटिस, आंतों की सड़ांध, गुर्दे के रोगों और मधुमेह में किया जाता है।
बादाम के तेल की मालिश सूजन और दर्द में आराम देती है।
यह कफ को घुलाकर निकालता है और भूख बढ़ाता है।
एक चम्मच बादाम का तेल पीने या मालिश करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
🍎 उपयोग की सही तरीका:
बादाम का सेवन भोजन के साथ या तुरंत बाद नहीं करना चाहिए। यह एक स्वतंत्र प्रोटीन आहार है।
3–5 छिलका रहित बादाम को संतरे के रस और शहद के साथ पीसकर प्रतिदिन सुबह लेने से स्कर्वी, पीलिया, फेफड़ों की सूजन, मूत्र संक्रमण, सूखी खांसी, कब्ज, रक्त की कमी आदि से छुटकारा मिलता है।
अनिद्रा, मानसिक विकार, वात संबंधी रोगों में 5 बादाम को किशमिश के साथ संतरे के रस और शहद में मिलाकर लेने से लाभ होता है।
🧠 ब्रेन टॉनिक के रूप में:
बादाम में फास्फोरस और थायमिन की मात्रा अधिक होने के कारण यह सर्वश्रेष्ठ “ब्रेन टॉनिक” है। इसके आकार के कारण यह मस्तिष्क और आंखों के लिए विशेष रूप से लाभदायक है।

प्रतिदिन 7 बादाम रात में भिगोकर 10 मुनक्कों के साथ पीसकर खाने से स्मरण शक्ति में सुधार होता है। यह सामान्य कमजोरी, स्नायुविक समस्याएं, दौबल्य और रक्तहीनता दूर करने में सहायक है।

🦷 दांतों के लिए:
बादाम के छिलकों को जलाकर नमक के साथ बारीक पीसकर दांतों के मंजन के रूप में उपयोग करने से दांत स्वस्थ और चमकदार रहते हैं।

🧾 अंत में:
बादाम का उपयोग न केवल आहार में, बल्कि औषधि और सौंदर्य उत्पादों में भी किया जाता है। यह प्राकृतिक रूप से शरीर के सभी अंगों को स्वस्थ रखता है।

“स्वास्थ्य ही धन है”
— डॉ. मीना अग्रवाल, आयुर्वेदिक एवं नेचुरोपैथी चिकित्सक, आगरा

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