पालघर, दिनांक 26: महाराष्ट्र शासन द्वारा लागू किए गए “महाराष्ट्र दुकान एवं प्रतिष्ठान (कार्य एवं सेवा शर्तों के नियमन) अधिनियम, 2017” की धारा 36(क)(1) के तहत, अब सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए यह अनिवार्य हो गया है कि वे अपने नामपट देवनागरी लिपि में मराठी भाषा में प्रदर्शित करें।
इस नियम के पालन के संबंध में कुछ स्थानीय दुकानों, होटलों एवं अन्य व्यावसायिक संस्थानों के नामपट में मराठी भाषा का उपयोग नहीं होने की खबरें सामने आईं। इसके बाद कामगार उपायुक्त, पालघर के निर्देश पर जिले में एक विशेष अभियान शुरू किया गया, जिसके तहत होटल, दुकान एवं अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि 65 प्रतिष्ठानों ने अभी तक अपने नामपट में मराठी भाषा का उपयोग नहीं किया है। ऐसे प्रतिष्ठानों को तत्काल नामपट सुधारने के लिए नोटिस जारी किया गया है। यदि ये प्रतिष्ठान निर्धारित समय सीमा के भीतर नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अभियान कुछ दिनों तक जारी रहेगा। कामगार उपायुक्त ने सभी प्रतिष्ठानों से अपील की है कि वे तुरंत देवनागरी लिपि में मराठी भाषा में अपने नामपट प्रदर्शित करें, ताकि कानूनी दिक्कतों से बचा जा सके।