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डेंगू से लड़ने का प्राकृतिक त्रिशूल: कपूर-नारियल तेल, हरी इलायची और पपीते का रसडॉ. मीना अग्रवाल, नेचुरोपैथ | आगरा |

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आगरा, 2 नवंबर 2025:
मौसम परिवर्तन और गंदे पानी के कारण डेंगू बुखार का खतरा इस सीज़न में काफी बढ़ गया है। Aedes aegypti मच्छर द्वारा फैलने वाला यह वायरल संक्रमण न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि प्लेटलेट्स की गंभीर कमी भी पैदा कर सकता है। लेकिन प्राचीन आयुर्वेद और नेचुरोपैथी के सरल घरेलू उपाय डेंगू से बचाव और उसके उपचार में कारगर साबित हो सकते हैं।

डेंगू से बचाव का प्राकृतिक कवच
डॉ. मीना अग्रवाल बताती हैं कि Aedes मच्छर आमतौर पर घुटनों के नीचे के हिस्से पर काटता है। इसलिए, 200 ml नारियल तेल में दो कपूर की गोलियां मिलाकर घुटनों से पैरों के पंजों तक लगाना एक प्रभावी प्रतिरक्षा उपाय है। कपूर और नारियल तेल दोनों एंटीवायरल और एंटीसेप्टिक गुणों से युक्त हैं, जो मच्छरों को दूर भगाते हैं।

डेंगू संक्रमण पर त्वरित प्राकृतिक प्रतिक्रिया

हरी इलायची: खाली पेट दो हरी इलायची के दाने मुंह में रखें — चबाएं नहीं। आयुर्वेद के अनुसार, इससे रक्त शुद्ध होता है और प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से बढ़ती है।
पपीते के पत्तों का रस: दो-तीन कोमल पपीते के पत्तों का ताजा रस निकालकर एक चम्मच शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करें। यह प्लेटलेट्स बढ़ाने और यकृत को पुनर्जीवित करने में सहायक है।
आहार और देखभाल के महत्वपूर्ण निर्देश
डेंगू के दौरान हल्का, सुपाच्य आहार — जैसे दलिया, मूंग दाल का सूप, नारियल पानी, गिलोय और तुलसी का काढ़ा — अत्यंत लाभकारी है। तला-भुना, मसालेदार और भारी भोजन से परहेज करें। नींबू पानी, धनिया का पानी और अमरूद/अनार का सेवन भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

सावधानियां और घरेलू उपाय

घर के आसपास पानी जमा न होने दें
कूलर, गमले और टैंक की नियमित सफाई करें
पूर्ण शरीर ढकने वाले कपड़े पहनें
नींद के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें
कमरे में कपूर जलाएं या तुलसी का धुआं लें
वैद्य सलाह:
डॉ. अग्रवाल चेतावनी देती हैं कि यदि बुखार 102°F से अधिक हो या शरीर में दर्द/उल्टी जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। CBC और प्लेटलेट काउंट की नियमित जांच अनिवार्य है।

उद्धरण:

“न हि तत्र भयं रोगे यत्र औषधं सदा गृहे”
— चरक संहिता
(जहां घर में औषधि और ज्ञान दोनों हैं, वहां रोग टिक नहीं सकता।)

निष्कर्ष:
डेंगू से डरें नहीं — सतर्क रहें। प्रकृति ने हर बीमारी का इलाज दिया है। कपूर-नारियल तेल, हरी इलायची और पपीते का रस — यह त्रिशूल आपकी प्राकृतिक सुरक्षा कवच है।

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Rajesh