आगरा, 13 नवंबर 2025 – भाप लेना (स्टीम थेरेपी) केवल सर्दी-जुकाम का घरेलू नुस्खा नहीं, बल्कि आयुर्वेद और नेचुरोपैथी में स्वास्थ्य की गहराई से जुड़ा एक ताकतवर प्राकृतिक उपाय है। प्रसिद्ध नेचुरोपैथ और स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. मीना अग्रवाल का कहना है कि “भाप लेना” या स्वेदन कर्म पंचकर्म की तैयारी का एक महत्वपूर्ण चरण है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों (अमा) को बाहर निकालकर आंतरिक शुद्धि करता है।
डॉ. अग्रवाल बताती हैं कि भाप लेने से वात और कफ दोष शांत होते हैं, शरीर हल्का महसूस करता है, और पसीने के माध्यम से विषाक्तता कम होती है। इस सरल उपचार के कई लाभ हैं:
- सर्दी-जुकाम और साइनस में तुरंत राहत
- गले की खराश व खांसी में लाभ
- त्वचा की गहराई से सफाई व चमक में वृद्धि
- सिरदर्द, तनाव व नींद की समस्याओं में आराम
घर पर भाप लेने के प्रभावी तरीके
- सर्दी-जुकाम के लिए: अजवाइन, तुलसी पत्तियां और लौंग उबालकर 5-10 मिनट भाप लें।
- त्वचा की चमक के लिए: नीम की पत्तियां व गुलाब जल के साथ भाप लें, फिर मॉइश्चराइज़र लगाएं।
- गले की खराश के लिए: हल्दी व मुलेठी के साथ भाप लेने से सूजन कम होती है।
- तनाव मुक्ति के लिए: लैवेंडर या चंदन के तेल की भाप से मानसिक शांति मिलती है।
सावधानियां
- भाप लेने का समय 10-15 मिनट से अधिक न हो।
- बच्चों को भाप देते समय सुरक्षा सुनिश्चित करें।
- बुखार, हृदय रोग या श्वसन संबंधी समस्या हो तो चिकित्सक से परामर्श लें।
- भाप के बाद तुरंत ठंडी हवा या पानी से बचें।
डॉ. मीना अग्रवाल का कहना है, “भाप लेना एक दिन की थेरेपी नहीं, बल्कि एक स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा हो सकता है। यह शरीर को अंदर से शुद्ध करता है, त्वचा को निखारता है और मन को शांति प्रदान करता है।”
उनकी सलाह है कि तुलसी-अदरक की चाय के साथ भाप लेना स्वास्थ्य के लिए और भी लाभदायक होता है।