आगरा, 17 नवंबर 2025 — सर्दियों का मौसम सिर्फ ठंढ का नहीं, बल्कि पारंपरिक आयुर्वेदिक और नेचुरोपैथिक उपायों का भी समय है। इस सीज़न में रोज़ाना महज 2-3 छुहारे (सूखे खजूर) गुनगुने दूध के साथ लेना कई स्वास्थ्य लाभ देता है। आगरा की जानी-मानी नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. मीना अग्रवाल कहती हैं कि छुहारा सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि “शीतऋतु का शक्ति-टॉनिक” है।
आयुर्वेद एवं नेचुरोपैथी में छुहारे को “क्षीणता नाशक” और “बल्य” माना जाता है—अर्थात यह कमजोरी, थकान और शीत प्रभावों से बचाने वाला प्राकृतिक ऊर्जा बूस्टर है।
डॉ. अग्रवाल बताती हैं कि छुहारे सर्दियों में निम्नलिखित तरीकों से स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं:
शरीर को गर्म रखता है – प्राकृतिक शुगर्स (ग्लूकोस, फ्रक्टोज़) तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं।
हृदय एवं रक्त स्वास्थ्य सुधारता है – पोटैशियम और आयरन रक्तचाप व हीमोग्लोबिन को बनाए रखते हैं।
मस्तिष्क एवं तंत्रिका तंत्र को पोषण देता है – मैग्नीशियम व फॉस्फोरस नर्वस सिस्टम को मज़बूत करते हैं।
पाचन शक्ति बढ़ाता है – घुलनशील फाइबर कब्ज़ व गैस से राहत देते हैं।
एनीमिया में प्रभावी – आयरन, कॉपर व फोलेट RBCs के निर्माण में सहायक।
हड्डियों व दांतों के लिए फायदेमंद – कैल्शियम व मैग्नीशियम जोड़ों के दर्द में आराम देते हैं।
त्वचा व बालों को निखारता है – विटामिन B5 व एंटीऑक्सीडेंट्स ड्राई स्किन से लड़ते हैं।
प्रजनन स्वास्थ्य व एंटी-एजिंग – वीर्यवर्धक गुणों के साथ फ्री रेडिकल्स को खत्म करके त्वचा को जवां बनाए रखता है।
डॉ. मीना अग्रवाल सुझाव देती हैं: “रातभर गुनगुने दूध में 2-3 छुहारे भिगोकर सुबह खाली पेट पी जाएँ। इसमें एक चुटकी सौंफ या केसर मिलाने से लाभ दोगुना हो जाता है।”
स्वास्थ्य ही सच्चा धन है – और छुहारा इस धन को बढ़ाने का प्राकृतिक साधन है।
— डॉ. मीना अग्रवाल
नेचुरोपैथी विशेषज्ञ | आगरा