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महिला स्वयं सहायता समूहों की बड़ी सफलता: पालघर में स्कूली पोषण आहार का ठेका फिर हुआ वापस!

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पालघर, 12 जून 2023 — पालघर जिले के जिला परिषद स्कूलों में विद्यार्थियों को दिए जाने वाले मध्याह्न भोजन (स्कूली पोषण आहार) का ठेका अब फिर से महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंपा गया है। इसके पीछे की मुख्य वजह है – जनवादी महिला मोर्चा और सीआईटीयू (केंद्रीय औद्योगिक ट्रेड यूनियन) के नेतृत्व में हुए ऐतिहासिक संघर्ष और जबरदस्त जन-आंदोलन का दबाव।

इससे पहले शिक्षा विभाग ने मध्याह्न भोजन योजना का ठेका ‘इस्कॉन’ नामक निजी संस्था को देने का फैसला किया था। इसके खिलाफ गुरुवार 12 जून को जिला परिषद पालघर में भव्य मार्च निकाला गया , जिसमें हजारों महिलाओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। आंदोलन में डहाणू के विधायक कामरेड विनोद निकोले समेत कई संगठनों के नेताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई।

प्रशासन अंततः पीछे हटा और जिला परिषद शिक्षा अधिकारी ने लिखित आश्वासन दिया कि भविष्य में किसी भी निजी संस्था को पोषण आहार का काम नहीं दिया जाएगा । यह काम फिर से महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया जाएगा।

महिलाओं के अधिकार, रोजगार और आत्मसम्मान की लड़ाई!

यह आंदोलन सिर्फ पौष्टिक आहार के ठेके को लेकर नहीं था, बल्कि यह गांवों की महिलाओं के रोजगार, आत्मसम्मान और अधिकारों की लड़ाई थी। महिला स्वयं सहायता समूहों को यह अवसर वापस मिलने से माताओं और बहनों में खुशी का माहौल है।

इस ऐतिहासिक संघर्ष में जनवादी महिला संगठन की राज्य सचिव कामरेड प्राची हतिवलेकर, राज्य समिति सदस्य कामरेड सुनीता शिंगडा, जिला सचिव कामरेड लाहणी दौडा, दहानू तालुका सचिव कामरेड राडका कलंगडा, तलासरी तालुका सचिव कामरेड लक्ष्मण डोंभारे के साथ-साथ महाराष्ट्र राज्य किसान सभा के कार्यकारी अध्यक्ष और ठाणे-पालघर अध्यक्ष कामरेड चंद्रकांत घोरखाना सहित अन्य संगठनों के कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में शामिल रहे।

न्याय और लड़ाई की जीत

महिलाओं के संघर्ष ने एक बार फिर साबित कर दिखाया है कि जन आंदोलन और संगठित लड़ाई से न्याय संभव है । पालघर की महिलाओं की इस जीत को देशभर के गांवों में महिला स्वायत्तता की ओर एक मजबूत कदम माना जा रहा है।

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