मलेरिया का घरेलू उपचार | डॉ. मीना अग्रवाल, नेचुरोपैथी
मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो बरसात के मौसम में खासतौर पर फैलती है। डॉ. मीना अग्रवाल, नेचुरोपैथी के क्षेत्र की विशेषज्ञ, ने मलेरिया के प्रभावी घरेलू उपचारों के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की है। ये उपचार प्राकृतिक औषधियों पर आधारित हैं और बिना किसी दुष्प्रभाव के लाभ पहुंचाते हैं।
- फिटकरी और खांड का मिश्रण
फूली हुई फिटकरी के चूर्ण को चार गुना पिसी खांड या चीनी में मिलाएं।
2 ग्राम मात्रा गुनगुने पानी के साथ दो-दो घंटे के अंतराल पर तीन बार लें।
यदि बुखार बना रहे तो एक अतिरिक्त खुराक भी ली जा सकती है।
नोट: यह उपचार तीसरे और चौथे दिन आने वाले बुखार में भी अत्यंत प्रभावी है। - तुलसी और काली मिर्च का घोल
तुलसी की 60 ग्राम पत्तियां और 60 ग्राम काली मिर्च लें।
दोनों को पीसकर जल मिलाकर 1 ग्राम की तीन गोलियां बनाएं।
प्रातः, दोपहर और शाम को एक-एक गोली लें।
अतिरिक्त लाभ: प्रतिदिन 4 तुलसी के पत्ते खाने से मलेरिया से बचाव होता है। - भुने हुए नमक का उपयोग
खाने वाले नमक को लोहे के तवे पर भूनें जब तक रंग काला-भूरा न हो जाए।
6 ग्राम नमक को गर्म पानी में मिलाकर बुखार से पहले लें।
बुखार उतरने के बाद भी 6 ग्राम नमक का सेवन करें।
विशेष: यह उपचार खाली पेट लेने पर अधिक प्रभावी है। - उच्च रक्तचाप वाले रोगियों के लिए सावधानी
भुने हुए नमक का उपयोग उच्च रक्तचाप वाले रोगियों को नहीं करना चाहिए।
बुखार के बाद धीरे-धीरे चाय, दूध या हल्का भोजन शुरू करें। - पेट फूलने पर घरेलू उपचार
पिसी हुई हल्दी (1 ग्राम) + नमक (1 ग्राम) को गर्म पानी में मिलाकर लेने से पेट की हवा निकल जाती है।
नोट: गर्भवती महिलाओं को यह उपचार नहीं देना चाहिए।