पालघर, 30 जुलाई 2025: एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प, डहाणू, जिला पालघर के तहत खर्डी, तहसील वसई में स्थित पूर्व में बंद पड़ी शासकीय आश्रमशाला को शैक्षणिक सत्र 2025-26 से पुनः संचालित किया जा रहा है। इस बार यह आश्रमशाला अनुसूचित जनजाति के आदिम जनजाति वर्ग (कातकरी) के बच्चों के लिए आवासीय सुविधाओं के साथ प्रारंभ की गई है।
आश्रमशाला के लिए रानशेत, महालक्ष्मी गढ़ के पाद क्षेत्र में स्थित एक सुसज्जित भवन को किराए पर लिया गया है। इसका औपचारिक उद्घाटन आज राज्य स्तरीय आदिवासी समीक्षा समिति के अध्यक्ष विवेक पंडित ने किया।
उद्घाटन समारोह में विधायक राजेंद्र गावित, आदिवासी विकास विभाग, ठाणे के अपर आयुक्त गोपीचंद कदम, परियोजना अधिकारी एवं सहायक जिलाधिकारी विशाल खत्री, शूर झलकारी कातकरी एकता महासंघ के अध्यक्ष रमेश सवरा, महाराष्ट्र राज्य व संघ के पदाधिकारी, साथ ही बड़ी संख्या में अभिभावक एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।
डहाणू और तलासरी क्षेत्र में कातकरी समुदाय की जनसंख्या अधिक होने के कारण स्थानीय सामाजिक संगठनों के लंबे समय से चले आ रहे आग्रह के बाद यह आश्रमशाला इसी क्षेत्र में पुनः स्थापित की गई है। इसका उद्देश्य आदिवासी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं आवासीय सुविधाएं प्रदान करना है।
कार्यक्रम के दौरान अध्यक्ष विवेक पंडित ने कक्षा 1 व कक्षा 5 के लिए सुसज्जित कक्षाओं के साथ-साथ छात्रावास का भी फीता काटकर उद्घाटन किया। उन्होंने उपस्थित अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक कातकरी बच्चों को इस आश्रमशाला में दाखिला दिलाएं ताकि शिक्षा के अवसर सभी तक समान रूप से पहुंच सकें।
अंत में, परियोजना अधिकारी विशाल खत्री ने सभी अतिथियों, सामाजिक संगठनों और अभिभावकों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह आश्रमशाला आदिवासी समुदाय के शैक्षिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।