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“शनिवार को शरीर का ‘Reset Day’ बनाएं: डॉ. मीना अग्रवाल, नेचुरोपैथी विशेषज्ञ के अनुसार” |

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आगरा, 1 दिसंबर 2025 – आधुनिक जीवनशैली में निरंतर तनाव, अनियमित भोजन और अधिक स्क्रीन समय ने शारीरिक व मानसिक संतुलन को बिगाड़ दिया है। इस संदर्भ में आगरा की प्रसिद्ध नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. मीना अग्रवाल का कहना है कि शनिवार को शरीर का ‘प्राकृतिक रीसेट डे’ माना जाना चाहिए।

आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार, शनिवार की ऊर्जा “grounding” और “शांत” होती है, जो वात दोष को संतुलित करने और शरीर को पुनर्स्थापित करने में सहायक है। पूरे हफ्ते की थकान, नींद की कमी और कमजोर पाचन को दूर करने के लिए डॉ. अग्रवाल ने शनिवार के लिए एक सरल परंतु प्रभावी ‘बॉडी रीसेट रूटीन’ सुझाया है, जो निम्नलिखित तीन स्तंभों पर आधारित है:

  1. नींद का पुनर्संतुलन
  2. पाचन को मजबूत करना
  3. मानसिक शांति प्राप्त करना

सुबह की शुरुआत हल्के व गर्म तरीके से करें – ठंडे पानी व खाद्य से बचें। गुनगुने पानी के साथ हल्की सुबह की टहल और शरीर पर तिल या महुआ के तेल की मालिश (विशेषकर पैर, नाभि व गर्दन पर) वात को शांत करती है। सुबह की धूप में 10 मिनट बैठना अग्नि को बढ़ाता है।

दिन के भोजन में सावधानी बरतें – नाश्ते में हल्का व गर्म आहार लें। दोपहर का भोजन मुख्य होना चाहिए – खिचड़ी, मूंग दाल, चावल व घी से युक्त भोजन पाचन को सुचारू बनाता है। जीरा, सौंफ, दालचीनी व अदरक जैसे मसाले पाचन अग्नि को प्रज्वलित करते हैं। शाम को भारी भोजन से बचें और रात का खाना जल्दी व हल्का लें।

मानसिक शांति के लिए – डिजिटल उपकरणों का उपयोग कम करें। 10 मिनट की गहरी श्वास या भ्रमरी प्राणायाम मन को शांत करता है। शाम की धीमी टहल तनाव को दूर करती है और नींद को गहरा बनाती है।

रात की नींद के लिए रिचुअल – सोने से पहले गुनगुने तेल से पैरों की मालिश करें, 1 घंटे पहले फोन बंद कर दें और कमरा शांत व अंधेरा रखें। इससे नींद पूर्णतः “रेस्टोरेटिव” बन जाती है।

डॉ. मीना अग्रवाल कहती है, “एक दिन की सुचारू देखभाल पूरे हफ्ते का संतुलन लौटा देती है। शनिवार को शरीर को धीमा करने, पाचन को सुधारने और मन को स्पष्ट करने का अवसर बनाएं। स्वास्थ्य ही सच्चा धन है।”

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Rajesh