---Advertisement---

“उबली दाल: नेचुरोपैथी की नज़र में ‘सात्त्विक प्रोटीन’ का चमत्कार” – डॉ. मीना अग्रवाल |

---Advertisement---

आगरा, 21 नवंबर 2025 — सदियों से भारतीय भोजन का केंद्र रही दाल आज फिर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के ध्यान का केंद्र बन गई है। नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. मीना अग्रवाल ने बताया कि उबली हुई दाल, बिना तड़के के, शरीर को प्रोटीन, फाइबर, मिनरल्स और आवश्यक अमीनो एसिड्स की सबसे शुद्ध और सुलभ आपूर्ति प्रदान करती है।

डॉ. अग्रवाल के अनुसार, “मसाले और तेल के बिना उबली गई दाल को नेचुरोपैथी में ‘सात्त्विक प्रोटीन फूड’ माना जाता है। यह पेट, आंतों, हार्मोन्स, फेफड़ों और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए अत्यंत हल्का एवं सुपाच्य होता है, और बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए सुरक्षित है।”

उबली दाल के स्वास्थ्य लाभ:

आंतों की सूजन, एसिडिटी और गैस जैसी समस्याओं को शांत करती है।
100% बायोअवेलेबल प्रोटीन प्रदान करती है, जो मांसपेशियों के निर्माण और स्वास्थ्य पुनर्स्थापन में मददगार है।
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखती है और हृदय रोगियों के लिए आदर्श भोजन है।
वजन घटाने वालों के लिए प्राकृतिक, शून्य कोलेस्ट्रॉल विकल्प।
शरीर के माइक्रोबायोम को संतुलित कर इम्यूनिटी और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है।
डॉ. अग्रवाल ने सुझाव दिया कि उबली दाल में सेंधा नमक, ताज़ा धनिया, नींबू की बूंदें या कच्चा अदरक व सौंफ डालकर इसका स्वाद बढ़ाया जा सकता है, बशर्ते तड़का न लगाया जाए।

स्वास्थ्य ही सच्चा धन है — और उबली दाल उस धन का सरलतम स्रोत है।

— डॉ. मीना अग्रवाल, नेचुरोपैथी एवं आयुर्वेदिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, आगरा

Join WhatsApp

Join Now

---Advertisement---
Rajesh