भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा के खजाने में, अर्जुन (Terminalia arjuna) की छाल एक अनमोल रत्न है।
प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे “हृदय-बल्य” अर्थात हृदय को बल देने वाली सर्वश्रेष्ठ औषधि बताया गया है। आधुनिक शोध भी अब इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि अर्जुन की छाल न केवल हृदय रोगों के उपचार में प्रभावी है, बल्कि उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह और पाचन संबंधी समस्याओं में भी गहरा प्रभाव डालती है।
डॉ. मीना अग्रवाल, नेचुरोपैथी (भंडारा, पवनई) के अनुसार, “अर्जुन की छाल एक बहुआयामी जड़ी-बूटी है—यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, हाइपोलिपिडेमिक और हृदय-सुरक्षात्मक गुणों से ओत-प्रोत है। यह केवल बीमारी का इलाज नहीं, बल्कि हृदय को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाने का साधन है।”
अर्जुन की छाल के प्रमुख लाभ:
हृदय रोगों (एनजाइना, हार्ट फेलियर) में सहायता
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करे
मधुमेह में इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाए
पाचन तंत्र को संतुलित करे – कब्ज, एसिडिटी, अल्सर में आराम
त्वचा के लिए लेप के रूप में घाव भरने व मुहांसों में प्रभावी
लोकप्रिय घरेलू नुस्खे (डॉ. मीना अग्रवाल द्वारा सुझाए गए):
हृदय-मित्र काढ़ा: अर्जुन छाल + द्राक्षा + गुड़ → कार्डियक ताकत बढ़ाए
कोलेस्ट्रॉल चूर्ण: अर्जुन + लहसुन + त्रिफला → धमनियाँ साफ रखे
BP नियंत्रण चाय: अर्जुन + पुदीना + ब्राह्मी → तनाव मुक्ति के साथ ब्लड प्रेशर बैलेंस
डायबिटीज़ समर्थन दूध: अर्जुन + जामुन गुठली + करेला → हृदय व शुगर दोनों की सुरक्षा
सावधानियाँ:
गर्भावस्था या गंभीर किडनी रोग में बिना चिकित्सक सलाह के उपयोग न करें
आयरन की कमी वाले रोगी कम मात्रा में लें
सामान्य खुराक: प्रतिदिन 3–6 ग्राम चूर्ण या काढ़े के रूप में
वैज्ञानिक पुष्टि:
2019 के अध्ययन ने दिखाया कि अर्जुन ईजेक्शन फ्रैक्शन में सुधार करता है
2021 के शोध के अनुसार, LDL कोलेस्ट्रॉल 15–20% तक कम होता है
WHO इसे हृदय रोगों के लिए सुरक्षित व प्रभावी बताता है
डॉ. अग्रवाल कहती हैं, “जब अर्जुन की छाल DIP डाइट (Dr. Bishan Chandra के सिद्धांत पर आधारित, कम विषाक्तता वाला भोजन) के साथ ली जाए, तो इसके प्रभाव और भी तीव्र हो जाते हैं।”
निष्कर्ष:
अर्जुन की छाल केवल एक औषधि नहीं, बल्कि हृदय की प्राकृतिक रक्षा-कवच है। सही मात्रा और सही दिशा-निर्देशों के साथ यह पूरे शरीर के स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है।
“स्वास्थ्य ही सच्चा धन है”
— डॉ. मीना अग्रवाल, नेचुरोपैथी