डॉक्टर मीना अग्रवाल: नेचुरोपैथी के तरीके से स्वास्थ्य लाभ – मिट्टी की पट्टी, कटि स्नान और पैर का गर्म स्नान
डॉक्टर मीना अग्रवाल, नेचुरोपैथी विशेषज्ञ, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में विश्वास रखती हैं। वे कई प्राकृतिक उपचारों के माध्यम से स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान देती हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही घरेलू और प्रभावी उपचारों के बारे में:
1. मिट्टी की पट्टी
मिट्टी की पट्टी पेट दर्द, सूजन या अन्य स्थानीय समस्याओं में फायदेमंद होती है।
- मिट्टी साफ होनी चाहिए, जिसमें कोई गंदगी, खाद या कंकड़ न हो।
- यदि मिट्टी में कंकड़ हो तो छलनी से छान लें।
- ठंडा पानी मिलाकर ढीली लेपन जैसी बना लें।
- इसे कपड़े में लपेटकर लगाएं। मोटाई आधा इंच और आकार 10×6 इंच होना चाहिए।
- मिट्टी के ऊपर कपड़ा होना चाहिए ताकि त्वचा से सीधा संपर्क रहे।
- 20 से 30 मिनट बाद पेट को गीले कपड़े से साफ करें।
मिट्टी बहुत चिकनी हो तो थोड़ी बालू मिलाएं।
2. कटि स्नान (Sitz Bath)
कटि स्नान पेट और गुप्तांगों की बीमारियों में बहुत लाभदायक है।
- एक फाइबर टब लें। इसमें ठंडा पानी इतना भरें कि बैठने पर पानी कमर तक न पहुंचे।
- रोगी को किसी कुर्सी या चौकी पर बैठाएं।
- 10 से 20 मिनट तक स्नान कराएं। दुबले लोगों के लिए 10 मिनट, मोटे लोगों के लिए 20 मिनट।
- सर्दियों में समय कम कर दें।
- स्नान शुरू करें 2 मिनट से और रोजाना 1 मिनट बढ़ाएं।
- स्नान के बाद शरीर को सुखाएं, हल्की कसरत करें या गर्म कंबल में लेट जाएं।
- स्नान से पहले पेट खाली होना चाहिए।
3. पैरों का गर्म स्नान
पैरों का गर्म स्नान दमा, खांसी, सिरदर्द और शरीर के दर्द में राहत दिलाता है।
- पैरों को गर्म पानी से भरी बाल्टी में डालें। पानी घुटने से नीचे तक होना चाहिए।
- पानी गर्म होना चाहिए, लेकिन इतना नहीं कि जलन हो।
- जैसे-जैसे पानी ठंडा हो, थोड़ा पानी निकालकर गर्म पानी डालें।
- पूरे शरीर को कंबल से ढक लें। सिर पर ठंडे पानी से भिगोया तौलिया रखें।
- स्नान से पहले गर्म पानी पीएं। स्नान के बाद पैरों को ठंडे पानी से धोएं और पोंछ लें।
- यदि पसीना आए तो शरीर को गीले कपड़े से पोंछें।
अंत में:
स्वास्थ्य ही धन है।
प्राकृतिक उपचारों से स्वास्थ्य बेहतर बनाया जा सकता है। डॉक्टर मीना अग्रवाल द्वारा बताई गई ये विधियां सरल, सुरक्षित और घर बैठे अपनाई जा सकती हैं।
लेखक:
डॉक्टर मीना अग्रवाल
आगरा