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🌡️ लू लगना (हीट स्ट्रोक): कारण, लक्षण और नेचुरोपैथी से उपचार – डॉ. मीना अग्रवाल |

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(डॉ॰ मीना अग्रवाल, आयुर्वेदाचार्य एवं नेचुरोपैथी विशेषज्ञ, आगरा)

लू लगना या हीट स्ट्रोक गर्मी के मौसम में होने वाली एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो उच्च तापमान और धूप के कारण शरीर के तापमान नियंत्रण तंत्र के असंतुलन के कारण उत्पन्न होती है। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहाँ भीषण गर्मी रहती है, यह एक सामान्य लेकिन घातक हो सकने वाली समस्या है।

🔥 कारण:

भीषण गर्मी में बाहर घूमना (खुले सिर या नंगे पैर)

धूप में भारी मेहनत या व्यायाम करना

भूखे या प्यासे रहना

अचानक गर्म से ठंडे वातावरण में जाना (एसी कमरे में)

ठंडे से गर्म वातावरण में अचानक जाना

गर्मी में कुएं में स्नान करना

हाइपरटेंशन, मधुमेह, मोटापा या कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में लू लगने का खतरा अधिक रहता है

🩺 लक्षण:

तीव्र प्यास और मुँह का सूखना

गले में जलन, आंखों में दर्द, हाथ-पैरों में झुनझुनी

शरीर का तापमान 104 डिग्री फारेनहाइट तक पहुँचना

पसीना बंद होना

तेज़ नाड़ी और सांस लेने में तकलीफ

सिरदर्द, कमजोरी, चक्कर आना

चेहरा लाल, आंखों के चारों ओर कालापन

गर्म पेशाब आना

बेचैनी, घबराहट या बेहोशी की स्थिति

🍃 उपचार और आहार (नेचुरोपैथी दृष्टिकोण):

हल्का, पौष्टिक और आसानी से पचने वाला आहार:

चावल का माड़, पतली खिचड़ी, मसूर की दाल का सूप

कच्चे आम का गूदा:

भूनकर पानी में मिलाकर गुड़, जीरा और नमक मिलाकर चार-पांच बार दें

प्याज का रस:

छाती, हथेली और तलवों पर लगाने से शीतलता मिलती है, और अंदरूनी सेवन से भी लाभ

ठंडे पेय पदार्थ:

नींबू की शिकंजी, छाछ, दही, कच्चे नारियल का पानी

फलों का रस:

आम, तरबूज, खरबूजा, फालसा, अनार, संतरा, शहतूत का रस

शहद और ग्लूकोज:

पानी में मिलाकर बार-बार पिलाएं

❌ क्या न करें:

भारी, तला हुआ, मिर्ची-मसालेदार भोजन से बचें

भूखे या बासी खाना न खाएं

चाय, कॉफी, शराब, तंबाकू, भांग जैसे उत्तेजक पदार्थों का सेवन न करें

अचार, अमचूर या अधिक खट्टे पदार्थ से दूर रहें

✅ रोग निवारण के उपाय:

दिनभर में कई बार एक-एक गिलास ठंडा पानी पिएं

खाली पेट धूप में न निकलें; भोजन के बाद ही बाहर जाएं

सिर को हमेशा ढ़क कर रखें – पगड़ी, टोपी या छाता का उपयोग करें

रोगी को ठंडे स्थान पर लिटाएं और माथे पर ठंडी पट्टी रखें

धूप में निकलते समय चश्मा, टोपी, जूते/चप्पल जरूर पहनें

⚠️ सावधानियाँ:

मल-मूत्र के वेग को न रोकें

सिगरेट, बीड़ी या सिगार न पिएं

गर्म से ठंडे या ठंडे से गर्म वातावरण में अचानक न जाएं

धूप में कठोर परिश्रम न करें

बच्चों और बुजुर्गों को धूप में न निकलने दें

डॉ. मीना अग्रवाल

आयुर्वेदाचार्य | नेचुरोपैथी विशेषज्ञ

स्थान: आगरा

“स्वास्थ्य ही धन है – स्वास्थ्य की रक्षा सर्वोच्च कर्तव्य है”

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