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मीना अग्रवाल: नेचुरोपैथी में इमली के अद्भुत फायदे

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आजकल इमली फल की दुकानों पर आसानी से उपलब्ध है। भारतीय व्यंजनों में इसका विशेष स्थान है। चाहे दाल हो या सांभर, इमली के बिना स्वाद अधूरा लगता है। फरवरी और मार्च के महीनों में इमली पक जाती है और इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है।

पुरानी इमली के फायदे
पुरानी इमली नई इमली की तुलना में अधिक गुणकारी होती है। इसके पत्तों से सब्जी और फूलों की चटनी बनाई जाती है, जबकि इसकी लकड़ी से कुल्हाड़ी तक तैयार की जाती है।

इमली के हानिकारक प्रभाव
कच्ची इमली अधिक खट्टी और गर्म होती है। कुछ लोगों को इससे दांतों में खट्टापन, सिर दर्द, जबड़े में दर्द और सांस की तकलीफ जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

इमली से विभिन्न रोगों का उपचार

  1. प्रमेह रोग: 125 ग्राम इमली के बीजों को 250 मिली दूध में भिगोकर तीन दिन बाद छिलका हटाकर पीस लें। इसे सुबह-शाम 6 ग्राम की मात्रा में गाय के दूध के साथ लेने से लाभ होता है।
  2. पीलिया: 10 ग्राम इमली की छाल की राख को 40 ग्राम बकरी के मूत्र में मिलाकर देने से लाभ होता है।
  3. बिच्छू का जहर: इमली के सिके हुए बीजों को घिसकर डंक वाले स्थान पर लगाने से जहर चूसकर बीज अपने आप गिर जाता है।
  4. सिर दर्द: इमली को पानी में भिगोकर उसमें शक्कर मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीने से सिर दर्द दूर होता है।
  5. चूहे का विष: 40 ग्राम इमली और 20 ग्राम बतासे को पुराने घी में मिलाकर सेवन करने से विष का असर समाप्त हो जाता है।
  6. आंखों में दर्द: इमली के हरे पत्तों और एरण्ड के पत्तों का रस निकालकर उसमें फिटकरी और चने भर अफीम मिलाकर तांबे के बर्तन में घोटें। फिर इस मिश्रण में कपड़ा भिगोकर आंखों पर रखने से लाभ मिलता है।
  7. पुरानी कब्ज: इमली की छाल को जलाकर 6 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज में राहत मिलती है।
  8. भूख बढ़ाने के लिए: इमली के पत्तों की चटनी खाने से भूख तेज लगने लगती है।
  9. भांग का नशा उतारने के लिए: इमली को पानी में गलाकर उसका पानी पीने से भांग का नशा दूर हो जाता है।
  10. पित्त विकार: रातभर भिगोई गई इमली को सुबह उबालकर छान लें और उसमें शक्कर मिलाकर शरबत बना लें। इसे 10 ग्राम मात्रा में सेवन करने से पित्त शांत होता है और उल्टी भी बंद हो जाती है।
  11. नशा कम करने के लिए: 30 ग्राम इमली, 10-10 ग्राम खजूर, काली द्राक्ष, अनार के दाने, फालसे और आंवले को आधा किलो पानी में भिगोकर छान लें। इस मिश्रण को नशा चढ़ने पर थोड़ा-थोड़ा पीने से नशा उतरने लगता है।
  12. उल्टी रोकने के लिए: इमली की छाल को जलाकर बनी 10 ग्राम राख को पानी में मिलाकर पीने से उल्टी तुरंत बंद हो जाती है।

स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी संपत्ति है!
मीना अग्रवाल, आगरा

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