सौंफ को पान की जान भी कहा जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। खासकर गर्मियों में इसके सेवन से शरीर ठंडा रहता है और कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
इसमें 2.5% से लेकर 15% तक तेल पाया जाता है। इस तेल में 60% एनीथॉल और फेनरॉल जैसे तत्व होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी हैं।
सौंफ के स्वास्थ्य लाभ:
- सौंफ त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) नाशक है।
- बुद्धि और स्मरण शक्ति को बढ़ाती है।
- पाचन शक्ति मजबूत करती है।
- मुंह की बदबू दूर करती है।
- आंखों की रोशनी बढ़ाती है।
- बच्चों के पेट दर्द और पेट फूलने में लाभदायक है।
- गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद है।
उपयोग के तरीके:
1. स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए:
- सौंफ को हल्का पीस लें और छिलका निकाल दें।
- एक चम्मच सुबह खाली पेट और शाम को गुनगुने पानी या दूध के साथ सेवन करें।
2. मुंह के छाले ठीक करने के लिए:
- 100 ग्राम पानी में 40 ग्राम सौंफ उबालें।
- जब पानी आधा रह जाए तो थोड़ी-सी फिटकरी डालें।
- इस पानी से गरारा करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
3. बच्चों के दस्त और पेट दर्द के लिए:
- आधा चम्मच सौंफ चूर्ण + 5 बड़ी इलायची + 1 कप पानी उबालें।
- आधा रह जाने पर छान लें।
- इसमें दूध मिलाकर बच्चे को पिलाएं।
4. बहरेपन में लाभ:
- 100 ग्राम सौंफ को 1 लीटर पानी में उबालें।
- जब पानी केवल 10वां भाग रह जाए तो छान लें।
- इसमें 100 ग्राम घी और 200 ग्राम दूध मिलाकर गर्म-गर्म सेवन करें।
5. नाक से खून आना बंद करने के लिए:
- 75 ग्राम सौंफ + 10 ग्राम धनिया + 5 ग्राम काली मिर्च पीस लें।
- 400 ग्राम पानी में मिश्री का शरबत बनाकर इस मिश्रण को मिला दें।
- सुबह और शाम नियमित पिएं।
6. गर्मी के कारण मानसिक तनाव में आराम:
- 75 ग्राम सौंफ के तेल में आधा पैग गुनगुना दूध मिलाकर पिलाएं।
7. माँ के दूध की कमी में:
- जीरा, सौंफ और मिश्री समान मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाएं।
- एक-एक चम्मच तीन बार पानी के साथ लें।
8. गर्भपात रोकने के लिए:
- 60 ग्राम सौंफ + 31 ग्राम गुलकंद पानी में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें।
9. चर्म रोग और खुजली में:
- सौंफ और धनिया समान मात्रा में पीसें।
- इसमें 1.5 गुना मिश्री मिलाएं।
- रोजाना सुबह-शाम 30 ग्राम सेवन करें।
10. आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए:
- 20 ग्राम सौंफ पीसें और बराबर मात्रा में खांड मिलाएं।
- रात को गाय के दूध के साथ सेवन करें।
11. पेट फूलना बंद करने के लिए:
- सौंफ को पानी में उबालकर छोटे बच्चों को एक चम्मच दें।
12. खूनी पेचिश में:
- 250 ग्राम सौंफ + 200 ग्राम मिश्री पीस लें।
- रोजाना दो बार एक चम्मच ताजा पानी के साथ लें।
13. अतिसार (दस्त) में:
- भुनी हुई सौंफ दो चम्मच एक से चार बार लें।
- कच्ची और भुनी सौंफ का समान चूर्ण दो चम्मच तीन बार लेने से लाभ होता है।
14. भोजन के बाद सौंफ खाने के फायदे:
- पाचन ठीक रहता है।
- मुंह की दुर्गंध दूर होती है।
- रक्त बढ़ता है।
15. पेशाब में जलन होने पर:
- 1 ग्राम कलमी सोडा + ½ ग्राम नौसादर + 10 ग्राम सौंफ को दो गिलास पानी में घोटकर चीनी मिलाकर पिएं।
16. मतली और उल्टी में:
- सौंफ और पुदीना (20 ग्राम) को 2 कप पानी में उबालें।
- आधा रहने पर तीन बार पिलाएं।
17. गर्मी के झटके, बुखार और पेट में जलन में:
- 4 बादाम, चंदन चूर्ण, खसखस, इलायची, काली मिर्च, सौंफ और सूखे गुलाब की पत्तियों का पेस्ट बनाएं।
- चीनी के शरबत में मिलाकर पिएं।
- बर्फ डालकर भी पी सकते हैं।
निष्कर्ष:
सौंफ एक ऐसा छोटा-सा दाना है, जिसमें असंख्य स्वास्थ्य लाभ छिपे हुए हैं। इसे नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करने से बहुत सी बीमारियों से बचा जा सकता है।
Health is Wealth
डॉ. मीना अग्रवाल, नेचुरोपैथी, आगरा