हमारे पूर्वजों ने एक कहावत छोड़ी है — “जो नारियल पेड़ लगाता है, वह अपने लिए तो पात्र, वस्त्र, भोजन, पेय, घर आदि का प्रबंध करता ही है, अपने वंशजों के लिए भी एक अच्छी जायदाद छोड़ जाता है।” इस कहावत में नारियल के अद्वितीय महत्व को सुंदरता से प्रतिपादित किया गया है।
नारियल को ‘जीवन-तरु’ कहा जाता है क्योंकि यह न केवल खाने-पीने के काम आता है, बल्कि इसका उपयोग चिकित्सा, सजावट, पूजा आदि अनेक कार्यों में भी किया जाता है। हर महीने लाखों लोग नारियल का सेवन करते हैं। इससे आहार और पेय दोनों मिल जाते हैं, और सभी आवश्यक पोषक तत्व भी। यही नहीं, यह स्वाभाविक रूप से स्वादिष्ट होता है, जिससे पकाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
नारियल में पाए जाने वाले पोषक तत्व
नारियल में विटामिन B, C, E के साथ-साथ कैल्शियम, पोटेशियम, लोहा, गंधक जैसे खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसमें उच्च कोटि का तेल भी होता है, जो शरीर को आवश्यक ऊर्जा और चिकनाई प्रदान करता है। इसके तेल के कारण आंतों में स्निग्धता बनी रहती है, जो कब्ज की समस्या को दूर करने में बहुत सहायक है।
नारियल का पानी: एक अमृत तरल
हाल के अनुसंधानों से पता चला है कि पके हुए नारियल का पानी गुणों के मामले में माँ के दूध के समान होता है। यह बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। नारियल पानी में खनिज लवणों की उचित मात्रा होने से शरीर में जल संतुलन बना रहता है। यह कई प्रकार के दर्दों में आराम देता है। सोने से पहले नारियल पानी पीने से तंत्रिका तंत्र को शांति मिलती है और गहरी नींद आती है।
इसके अलावा, यह गाय और बकरी के दूध से भी अधिक स्वास्थ्यवर्धक हो सकता है। यह ताजगी लाने वाला, प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट स्रोत है।
नारियल का सेवन: विभिन्न रूपों में
नारियल को पकने के बाद सीधे खाया जा सकता है। फलों के रस में मिलाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा, इससे मिठाई, आइसक्रीम, बिस्कुट आदि भी बनाए जा सकते हैं। इसमें वनस्पति वसा, प्रोटीन, शर्करा, विटामिन और खनिज लवण प्राकृतिक रूप में मौजूद रहते हैं, जो पाचन क्रिया के लिए सरलतम होते हैं।
नारियल: एक समृद्धि का प्रतीक
इन सभी गुणों के कारण ही नारियल संसार में सबसे अधिक उपजाया जाने वाला फल है। कुछ लोग तो यहाँ तक मानते हैं कि नारियल पर निर्भर रहने वाले लोगों की संख्या, किसी अन्य वृक्ष पर निर्भर रहने वालों से अधिक है।
नारियल का पानी किसी भी बीमारी में शक्ति प्रदान करता है और शरीर में ताजगी बनाए रखता है। इसके तेल से बाल घने और लंबे होते हैं। यही कारण है कि पूजा-अर्चना में भी नारियल का विशेष स्थान है। कोई भी पूजा नारियल के बिना अधूरी मानी जाती है।
स्वास्थ्य ही धन है
डॉ. मीना अग्रवाल
आगरा