- मीना अग्रवाल, नेचुरोपैथी
बहुत दिनों से लोगों के ख़त आ रहे हैं कि संतरे का नेचुरोपैथी (Naturopathy) में क्या रोल है। मैं आज विस्तार से बताने जा रही हूँ। संतरा ठंडा, शक्तिवर्धक, अम्ल, मीठा, स्वादिष्ट और भूख को बढ़ाने वाला फल है। यह एक लोकप्रिय फल है। संतरे के अंदर विटामिन A, B, C तथा कैल्शियम पाया जाता है। संतरा खून को साफ करता है।
जिस व्यक्ति की पाचन शक्ति कमजोर हो, उसे संतरे का रस तीन गुने पानी में मिलाकर देना चाहिए। एक व्यक्ति को दिन में एक संतरे का सेवन ही उपयुक्त है। विटामिन C की आवश्यकता एक संतरा रोजाना खाने से पूरी हो जाती है। संतरे में विटामिन C के साथ-साथ D का भी मिश्रण होता है।
संतरा रोग-प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है। बुख़ार के रोगी को संतरे का रस देने से ताक़त मिलती है। संतरे में 23 स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं। कई देशों में इसे ‘गोल्डन एप्पल’ के नाम से जाना जाता है। एक गिलास संतरे का रस रोजाना पीने से उम्र लंबी होती है।
आमाशय के रोगों में यह रामबाण का काम करता है। संतरे के छिलके को छाया में सुखाकर पीस लें, चार चम्मच चूर्ण को एक गिलास पानी में उबालकर छान लें और रोज़ाना पिएं। इससे मधुमेह रोग में लाभ मिलता है।
रोज़ाना खाना खाने के बाद संतरा खाने से पेट में कब्ज नहीं रहती। सुबह नाश्ते से पहले संतरे का रस पीने से गुर्दे के रोग ठीक हो जाते हैं। खाँसी होने पर गर्मी में ठंडे पानी के साथ और सर्दी में गरम पानी के साथ रस पीने से लाभ होता है। संतरे के छिलकों का काढ़ा बनाकर पीने से जुकाम दूर हो जाता है।
गर्भवती महिला को रोज़ाना 2 संतरे खिलाने से होने वाला बच्चा सुंदर होता है। संतरे के रस को पीने से सूखा रोगग्रस्त बच्चे मोटे-ताज़े हो जाते हैं क्योंकि उसका रस अंतड़ियों की गति को तेज करता है।
संतरा खाने से खून की सफाई होती है। संतरे के सूखे छिलकों को पीस कर चेहरे के मुँहासे दूर किए जा सकते हैं। रोज़ाना संतरे का सेवन करने से पीलिया रोग में बहुत आराम मिलता है।
टी.वी., सांस और छाती के रोगों में यह लाभदायक होता है। संतरे का प्रयोग करने से पेट में घाव और ज़ख्मों में बहुत आराम मिलता है। रोज़ाना संतरे का सेवन करने से गठिया रोग में लाभ होता है।
चार महीने के बच्चों को रोज़ाना दोपहर में एक पूरे संतरे का रस निकालकर पिलाना चाहिए। अगर ज़रूरत पड़े तो चार सप्ताह के बच्चे को संतरे का रस और पानी बराबर मात्रा में मिलाकर दो चम्मच दिया जा सकता है। यह रस पिलाने से बच्चा सेहतमंद होता है और चेहरे में निखार आता है।
मैं आशा करती हूँ कि जितने भी लोग इस विषय को पढ़ें, वे इसका पूरा लाभ उठाएं।
- मीना अग्रवाल, नेचुरोपैथी