ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं। तुर्किये के बाद अब अज़रबैजान ने भी भारत की कार्रवाई की आलोचना की है और पाकिस्तान का समर्थन किया है।
अज़रबैजान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए भारत की सैन्य कार्रवाई पर चिंता जताई। बयान में कहा गया कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से क्षेत्रीय शांति को खतरा है। मंत्रालय ने कहा, “हम इस सैन्य हमले की निंदा करते हैं जिसमें निर्दोष नागरिकों की जान गई और कई घायल हुए हैं। अज़रबैजान पाकिस्तान की जनता के साथ एकजुटता में खड़ा है। हम पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।”
पाकिस्तान और अज़रबैजान के बीच गहरे संबंध
पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान और अज़रबैजान के बीच रक्षा और धार्मिक क्षेत्रों में सहयोग काफी मजबूत हुआ है। इसके अलावा, तुर्किये का प्रभाव भी इस बयान के पीछे एक अहम कारण माना जा रहा है, क्योंकि तुर्किये, पाकिस्तान और अज़रबैजान तीनों के बीच घनिष्ठ संबंध हैं।
भारतीय सेना ने 9 आतंकी ठिकानों को किया तबाह
भारतीय सेना ने बुधवार तड़के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया। इस ऑपरेशन में यह विशेष ध्यान रखा गया कि आम नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे।
सेना ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के ठिकानों पर सटीक हमले किए। जिन स्थानों को निशाना बनाया गया उनमें बहावलपुर का मरकज सुभान अल्लाह, मुरीदके का मरकज तैयबा, तेहरा कलां का सरजाल, सियालकोट का महमूना जोया, बरनाला का मरकज अहले हदीस, कोटली का मरकज अब्बास और मस्कर राहील शाहिद, तथा मुजफ्फराबाद का शवाई नल्ला कैंप और सैयदना बिलाल कैंप शामिल हैं।