शिवसेना (UBT) का मोदी सरकार पर सवाल – क्या पाकिस्तान से युद्ध होगा या नहीं?
पहलगाम हमले के बाद से महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टी शिवसेना (UBT) लगातार केंद्र सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अचानक जातिगत जनगणना की घोषणा को लेकर शिवसेना ने सवाल उठाया है कि क्या यह घोषणा जनता का ध्यान युद्ध की चर्चा से हटाने के लिए की गई?
शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा कि जब भारत-पाक युद्ध की संभावना पर बात हो रही थी, तब प्रधानमंत्री ने जाति आधारित जनगणना का फैसला लेकर मुद्दा बदल दिया। अब लोग पाकिस्तान की जगह जातिवाद की चर्चा कर रहे हैं, जो भाजपा की सोची-समझी रणनीति हो सकती है।
“पाकिस्तान को चेतावनी देने के लिए बिहार क्यों चुना?”
संजय राउत ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने पाकिस्तान को संदेश देने के लिए बिहार की धरती का चुनाव किया, लेकिन असल में वह चुनाव प्रचार में व्यस्त थे, जबकि देश में आक्रोश का माहौल था। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री को दिल्ली में रहकर सर्वदलीय बैठक में भाग लेना चाहिए था।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को कड़ा संदेश क्यों नहीं दिया गया? पाकिस्तान से भेजे गए आतंकियों के खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
“सिर्फ राजनीति नहीं, ठोस सुरक्षा नीति होनी चाहिए”
राउत ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया तंत्र की विफलता साफ नजर आ रही है। कश्मीर जैसे संवेदनशील इलाके में सुरक्षा में चूक चिंता का विषय है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी की वहां अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाए।
शिवसेना का कहना है कि सरकार पाकिस्तान से युद्ध नहीं चाहती, बल्कि घरेलू मुद्दों पर ध्यान भटका कर राजनीतिक लाभ लेने में लगी है। राउत ने यह भी कहा कि विपक्ष भी इस पर ज्यादा कुछ नहीं बोल रहा, जिससे यह लगता है कि वे सरकार की रणनीति में शामिल हैं।
“अगर युद्ध हो, तो वह देश की सुरक्षा के लिए हो”
अंत में संजय राउत ने कहा कि अगर युद्ध की स्थिति बनती है, तो वह केवल राजनीतिक फायदे के लिए नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा और एकता के लिए होनी चाहिए। उन्होंने पूछा, “क्या मोदी और शाह वाकई पाकिस्तान से युद्ध करने का जोखिम उठा सकते हैं?” यह सवाल अब आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बन गया है।