महाराष्ट्र के पालघर: जिले में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी पर लगाम कसने और सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाने के उद्देश्य से पालघर ट्रैफिक पुलिस ने बॉडीवार्न कैमरों की मांग की है। तकनीक के सहारे पारदर्शी और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
पालघर, बोईसर और डहाणू जैसे शहरी क्षेत्रों में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए शुरुआती चरण में 20 बॉडीवार्न कैमरे मंगाए गए हैं। इन कैमरों को ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की वर्दी पर लगाया जाएगा, जिससे सड़क पर होने वाली हर गतिविधि का ऑडियो-वीडियो रिकॉर्ड तैयार हो सकेगा।
नियम उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई संभव
राजमार्गों और व्यस्त चौराहों पर ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाना आम बात हो गई है। ऐसे में जब कोई वाहन चालक नियम तोड़ने के बावजूद उसे मानने से इनकार करता है, तब यह कैमरे पुलिस के पास पुख्ता सबूत देने का काम करेंगे। इन रिकॉर्डिंग्स को अदालत में भी साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जा सकेगा, जिससे अपराधों की जांच और न्याय प्रक्रिया में गति आएगी।
नागरिकों की शिकायतों का भी समाधान
अक्सर नागरिकों की ओर से ट्रैफिक पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर शिकायतें मिलती हैं, जैसे कि बिना वजह रोकना या अवैध वसूली। अब इन कैमरों की मदद से दोनों पक्षों के बीच संवाद और घटनाओं का स्पष्ट रिकॉर्ड रहेगा, जिससे सच्चाई सामने लाना आसान होगा।
तकनीकी पहल को मिल रहा सरकारी समर्थन
राज्य सरकार की 100 दिवसीय कार्य योजना के अंतर्गत ट्रैफिक पुलिस को तकनीकी रूप से सशक्त करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। इसी योजना के तहत बॉडीवार्न कैमरों की पहल की गई है। यह कैमरे रिचार्जेबल होंगे और रोजाना इस्तेमाल के लिए उपयुक्त होंगे।
पुलिस का कहना
“कई बार ड्राइवर नियम तोड़ने के बाद भी मना कर देते हैं। इन कैमरों से हमें उनके खिलाफ ठोस सबूत मिलेंगे, जिससे कार्रवाई में पारदर्शिता आएगी।”
सुरेश सालुंखे, ट्रैफिक पुलिस अधिकारी
यह तकनीकी पहल ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार, नागरिकों के विश्वास को बढ़ाने और सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक सार्थक कदम साबित हो सकती है।