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पहलगाम हमले का असर: पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था में भूचाल, 70,000 करोड़ का झटका |

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आतंकवादी हमलों के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई का एक सीधा असर पड़ा है – पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था पर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, जिसके चलते पड़ोसी देश के शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई है।

इस हमले में 26 नाबालिग पर्यटकों की जान चली गई थी, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान पर आर्थिक रूप से दबाव डालना शुरू कर दिया। द्विपक्षीय व्यापार पर रोक, सिंधु जल संधि की समीक्षा, सरकारी स्तर पर सार्क वीजा नीति से पाकिस्तान को बाहर करना, राजनयिक स्टाफ में कटौती और अटारी सीमा पर व्यापार बंद करने जैसे फैसलों ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को झकझोर दिया है।

कराची स्टॉक एक्सचेंज में लगातार गिरावट

पाकिस्तान का प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज KSE-100 इंडेक्स में पहलगाम हमले के बाद से भारी गिरावट दर्ज की गई है। हमले के बाद से 5,494.78 अंकों की गिरावट आई है, जो लगभग 4.63% की कमी के बराबर है।

अगर बाजार पूंजीकरण की बात करें, तो 22 अप्रैल को कराची स्टॉक एक्सचेंज का कुल मार्केट कैप 52.84 बिलियन डॉलर था, जो 29 अप्रैल को घटकर 50.39 बिलियन डॉलर पर आ गया। यानी कि छह दिनों में ही 2.45 बिलियन डॉलर (लगभग ₹18,400 करोड़) की पूंजी ध्वस्त हो गई।

अगर इसी दर से हासा देखा जाए, तो कहा जा सकता है कि आतंकी हमले की नैतिक जिम्मेदारी के चलते पाकिस्तान के शेयर बाजार को कुल मिलाकर लगभग ₹70,000 करोड़ का नुकसान हुआ है।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की तेजी से खराब हो रही स्थिति

इसके अलावा भी पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है। मई 2023 में देश में महंगाई दर 38.5% तक पहुंच गई। आर्थिक वृद्धि ऋणात्मक हो गई है, जबकि विदेशी मुद्रा भंडार घटकर महज 3.7 बिलियन डॉलर रह गए हैं। इससे आयात काफी कठिन हो गया है और रुपया भी लगातार अपने निचले स्तर पर पहुंच रहा है।

निष्कर्ष

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा उठाए गए कदमों ने पाकिस्तान की बदहाल अर्थव्यवस्था को और अधिक कमजोर कर दिया है। ऐसे में पाकिस्तान के सामने आंतरिक और बाहरी दोनों तरह की चुनौतियां खड़ी हो गई हैं।

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