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छोटे बच्चों की बीमारियों की पहचान – सांकेतिक भाषा के माध्यम से | डॉ. मीना अग्रवाल, नेचुरोपैथी |

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छोटे बच्चे या शिशु अपनी तकलीफ को बोलकर नहीं, बल्कि अपने व्यवहार के माध्यम से व्यक्त करते हैं। ऐसे में माता-पिता को शिशु के संकेतों को समझना बेहद जरूरी है, ताकि छोटी-से-छोटी बीमारी को भी समय रहते पहचाना जा सके।

बच्चे की बीमारी के आम लक्षण
बच्चे की जीभ मैली और भूरे रंग की हो जाए या उस पर सिलवटें पड़ जाएं।
मल-मूत्र त्यागने में दर्द या कष्ट हो।
बच्चे को नींद न आए या वह सोते में चीखता-चिल्लाता हो।
भूख कम लगे, वजन घटने लगे और विकास (ग्रोथ) रुक जाए।
शरीर के अलग-अलग भागों के संकेत
सिर में दर्द:
बच्चा बार-बार हाथ सिर पर लगाए या सिर न सीधा कर पाए।
आंखें बंद रहें और चेहरे पर तकलीफ का भाव हो।
पेट दर्द:
बच्चा रोते हुए पेट को ऊपर उठाए या पीठ उठाए।
दांत निकलने पर भी बच्चा स्तन काटने लगता है।
पेट में कीड़े:
सोते समय दांत पीसना, नाक से खारिश करना, मुंह से लार आना।
जुकाम या सांस संबंधी समस्या:
दूध पीते समय बार-बार छोड़ दे।
मुंह खोलकर सांस लेना, सीने में खांसी के साथ दर्द होना या सांस लेने में तकलीफ हो तो यह निमोनिया का लक्षण हो सकता है।
कान में दर्द:
बच्चा बार-बार अपना हाथ कान पर लगाए।
हृदय समस्या:
बच्चा मुट्ठी बार-बार भिचोले या होंठ चबाए, तो हृदय में दर्द हो सकता है।
हृदय की बीमारी में धड़कन तेज हो जाती है।
टिटनेस (दांता):
बच्चा शरीर को धनुष की तरह अकड़ जाए, तो टिटनेस का संकेत हो सकता है।
मूत्र संबंधी समस्या:
बच्चा अपनी मूत्र इंद्रिय को बार-बार छूए तो समझ लें कि पेशाब रुका हो सकता है।
खुजली या त्वचा संक्रमण:
बच्चा अपने शरीर को बार-बार खुजलाए, तो यह रोग ग्रस्त होने का संकेत हो सकता है।
निमोनिया/फेफड़े की समस्या:
सीने, पसलियों या फेफड़ों में दर्द होने पर बच्चा खांसते समय रोने लगता है।
आंतरिक बीमारी:
बच्चा बेहद सुस्त रहे तो समझ लें कि कोई आंतरिक समस्या है।
सावधानी की बातें
सर्दियों में बच्चे को बहुत अधिक कपड़े न पहनाएं।
बच्चे के तापमान और नाड़ी का ध्यान रखें — बुखार में नाड़ी तेज चलती है।
बच्चे के रोने के पीछे की वजह समझने की कोशिश करें।
अंत में
शिशु अपनी तकलीफ को संकेतों के माध्यम से बताते हैं। हमें उनके व्यवहार को समझकर उचित समय पर उपचार कराना चाहिए। छोटी लापरवाही भी बड़ी समस्या का कारण बन सकती है।

हमेशा याद रखें: “हेल्थ इज़ वेल्थ”


डॉ. मीना अग्रवाल
नेचुरोपैथी
आगरा

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