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डॉ. मीना अग्रवाल: नेचुरोपैथी के ज़रिए स्वास्थ्य की महत्वता पर प्रकाश डाला |

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स्वास्थ्य भगवान की बड़ी दौलत है। ऐसे में अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए अच्छे और पौष्टिक खाने का चुनाव करना बेहद जरूरी है। नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. मीना अग्रवाल, आगरा से जुड़ी एक प्रमुख स्वास्थ्य विशेषज्ञ हैं, जो अक्सर लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व के बारे में जागरूक करती रहती हैं।

उनके अनुसार, अंकुरित अनाज हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। यह एक प्राकृतिक और ऊर्जावान आहार है, जिसमें सभी पोषक तत्व – जैसे विटामिन, प्रोटीन, खनिज, एंजाइम, कार्बोहाइड्रेट – सक्रिय और स्वस्थ रूप में मौजूद होते हैं।

अंकुरित अनाज क्यों विशेष?

  • अंकुरित अनाज में पोषक तत्व निष्क्रिय नहीं, बल्कि सक्रिय अवस्था में होते हैं।
  • यह शरीर की प्रत्येक कोशिका को नवजीवन देता है।
  • यह शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है।

अंकुरित अनाज के स्वास्थ्य लाभ:

  1. हृदय और दिमाग की सुरक्षा : अंकुरित अनाज हृदय रोगों, स्ट्रोक और उच्च कोलेस्ट्रॉल से बचाव में मदद करता है।
  2. मधुमेह में लाभ : यह ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने में सहायक है।
  3. कैंसर रोकथाम : एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण, यह कई प्रकार के कैंसर को रोकने में मदद कर सकता है।
  4. मोटापा नियंत्रण : यह पाचन में सुधार करता है और वजन घटाने में मदद करता है।
  5. आंतों की सेहत : कब्ज, पाइल्स जैसी समस्याओं में राहत देता है।

पर्यावरण और आध्यात्म के लिए भी फायदेमंद

  • अंकुरित अनाज बनाने में गैस, कोयला या लकड़ी की आवश्यकता नहीं होती।
  • इससे पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता।
  • यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति में भी सहायक है।

अंकुरित अनाज कैसे बनाएं?

  • अनाज, दाल, बीज या मेवों को 6 से 8 घंटे के लिए पानी में भिगोएं।
  • फिर एक नम कपड़े में रखकर 12 से 24 घंटे तक अंकुरित होने दें।
  • जैसे ही छोटी-छोटी कोंच निकल आएं, इसे साफ करके खाया जा सकता है।

अंत में:

डॉ. मीना अग्रवाल कहती हैं, “अंकुरित अनाज न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए अद्भुत है, बल्कि यह प्रकृति की तरफ से दी गई एक उपहार है। इसे नियमित आहार में शामिल करने से जीवन में संयम, सहनशीलता और स्वस्थता आती है।”

“स्वास्थ्य ही धन है, और अंकुरित अनाज उस धन की चाभी है।”
— डॉ. मीना अग्रवाल

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