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डॉक्टर मीना अग्रवाल (नेचुरोपैथी): जामुन – स्वास्थ्य के लिए रामबाण है यह फल |

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जामुन: सस्ता पर बहुत काम का फल, जानें कैसे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है
लेखक: डॉ. मीना अग्रवाल, आयुर्वेदिक एवं नेचुरोपैथी चिकित्सा विशेषज्ञ, आगरा

जामुन ग्रीष्म ऋतु का एक लोकप्रिय और सस्ता फल है। यह माल्टेसी परिवार (Myrtaceae) का सदस्य है और आम लोगों के बीच बहुत पसंद किया जाता है। जामुन का पेड़ सदाबहार होता है और इसके फल ग्रीष्म के अंत में बाजार में आते हैं।

फल का रंग पकने के साथ-साथ बदलता रहता है – कच्चा फल हरा होता है, थोड़ा पका हुआ लाल-बैंगनी होता है और पूरी तरह पके जाने पर यह काला-नीला दिखाई देता है। इसका आकार आधे से डेढ़ इंच लंबा और लगभग एक इंच मोटा होता है।

जामुन के स्वास्थ्य लाभ:

  1. रक्त की कमी (एनीमिया) में लाभदायक :
    जामुन में लोहा पर्याप्त मात्रा में होता है, जो रक्त की कमी को दूर करने में मदद करता है। यह त्वचा के रंग को सुधारने वाले मेलानिन कोशिकाओं को भी सक्रिय करता है।
  2. मधुमेह में फायदेमंद :
    जामुन की गुठली में ऐसे तत्व होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायता करते हैं। मधुमेह रोगी 55 ग्राम गुठली का चूर्ण तीन घंटे के अंतराल पर ले सकते हैं।
  3. हृदय और दिमाग के लिए लाभदायक :
    जामुन में एंथोसाइनिन नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो दिमाग की कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है और स्मरण शक्ति में सुधार करता है। यह तंत्रिका तंत्र के संचार में मदद करता है।
  4. पाचन तंत्र के लिए लाभदायक :
    जामुन का रस पेट दर्द, दस्त, पेचिश जैसी समस्याओं में आराम दिलाता है। इसे तीन घंटे के अंतराल पर आधा-आधा कप दिया जा सकता है।
  5. त्वचा और दांतों के लिए लाभदायक :
    • जामुन की गुठली का चूर्ण चेहरे पर लगाने से मुंहासे दूर होते हैं और चेहरा निखरता है।
    • दांतों और मसूड़ों के लिए, इसकी गुठली को छाछ या दही में पीसकर मंजन बनाकर इस्तेमाल करने से दांत मजबूत होते हैं।
  6. यकृत और तिल्ली की बीमारियों में :
    मलेरिया या टाइफाइड के बाद यकृत और तिल्ली की समस्या में, 250 मिली जामुन के रस में 30 ग्राम सेंधा नमक मिलाकर 7 दिन तक रखें। फिर प्रतिदिन सुबह खाली पेट 15 मिली लेने से यकृत और रक्तहीनता में सुधार होता है।
  7. अन्य उपयोग :
    • जामुन के पत्तों का काढ़ा पेचिश और गर्भाशय संबंधित समस्याओं में लाभदायक है।
    • जामुन का रस शहद में मिलाकर 30-60 दिन लेने से कमजोरी दूर होती है और स्मरण शक्ति में सुधार होता है।

जामुन खाने के सही तरीके:

  • जामुन खाली पेट नहीं खाना चाहिए।
  • इसे हमेशा थोड़ा-सा नमक लगाकर खाना चाहिए, ताकि गाल में दर्द न हो।
  • दिन का सबसे अच्छा समय जामुन खाने का दोपहर या शाम का है।

निष्कर्ष:

जामुन सिर्फ एक फल नहीं, बल्कि एक पूर्ण औषधि है। इसका नियमित उपयोग स्वास्थ्य के सभी पहलुओं में सुधार कर सकता है। इसे अपनी दैनिक आहार में शामिल करने से आप कई बीमारियों से बच सकते हैं।

“हेल्थ इज़ वेल्थ”
डॉ. मीना अग्रवाल
आगरा

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