डॉ. मीना अग्रवाल, प्रख्यात नेचुरोपैथ एवं आयुर्वेद विशेषज्ञ, ने हाल ही में अनार के अद्भुत स्वास्थ्य लाभों पर एक विस्तृत शोधपरक लेख प्रकाशित किया है। उन्होंने अनार को “पुनिकेसी परिवार का सर्वश्रेष्ठ औषधि वृक्ष” बताया और इसे फल के साथ-साथ एक बेजोड़ प्राणवान ओषधि के रूप में प्रस्तुत किया है।
अनार के स्वास्थ्य लाभों का वर्णन प्राचीन ग्रंथों जैसे सुश्रुत संहिता, ओल्ड टेस्टामेंट और अरेबियन नाइट्स में भी मिलता है। यह पौधा मूल रूप से अफगानिस्तान का है, लेकिन आज इसकी खेती विश्व के हर कोने में की जाती है।
अनार कई प्रकार का होता है, लेकिन सफेद और लाल बीज वाला अनार सबसे अधिक उपलब्ध है। लाल बीज वाले अनार में लोहे की मात्रा अधिक होती है। इसके रस में साइट्रिक एसिड और 15% कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो इसकी गुणवत्ता का आधार है।
अनार के स्वास्थ्य लाभ:
- पाचन शक्ति में सुधार : अनार जठरांत्र संबंधी समस्याओं को दूर करता है और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है।
- रक्त की गुणवत्ता में सुधार : लाल अनार रक्त की मात्रा में वृद्धि करता है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि : अनार का नियमित सेवन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
- हृदय स्वास्थ्य में सुधार : इसराइल और इटली में किए गए शोधों से पता चला है कि अनार का रस धमनियों की दीवारों की मोटाई को कम करता है और हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है।
- कैंसर रोधी गुण : शोधों से पता चला है कि अनार का रस प्रोस्टेट और स्तन कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकता है और उन्हें नष्ट करने की प्रक्रिया को प्रेरित करता है।
- त्वचा संरक्षण : अनार का रस सूर्य की पराबैंगनी किरणों से त्वचा की रक्षा करता है।
- सूजन और जोड़ों के दर्द में आराम : अनार में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया और अन्य सूजन रोगों में मदद करते हैं।
अनार के छिलके के उपयोग:
अनार का छिलका भी औषधीय रूप से महत्वपूर्ण है। इसका उपयोग खांसी, पायरिया, बुखार और कीड़ों के इलाज में किया जाता है। छिलके का काढ़ा गले की समस्याओं में लाभदायक है।
डॉ. मीना अग्रवाल ने कहा, “अनार ‘एक अनार सौ बीमार’ कहावत के अनुरूप वास्तव में एक अद्भुत फल है। इसके रस का नियमित सेवन स्वास्थ्य के लिए अमूल्य है।”
उन्होंने आम जनता से आह्वान किया कि वे प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति ध्यान दें और अपने आहार में अनार को शामिल करके स्वास्थ्य को सुदृढ़ करें।