गुलाब: स्वास्थ्य के लिए अनमोल रत्न
डॉक्टर मीना अग्रवाल, नेचुरोपैथी
गुलाब का फूल हर किसी को पसंद होता है। इसकी सुंदरता के साथ-साथ इसमें कई स्वास्थ्यवर्धक गुण भी होते हैं। यह ना सिर्फ सजावट का जरिया है, बल्कि आयुर्वेद और नेचुरोपैथी में भी इसका खास महत्व है।
गुलाब के फायदे:
- रक्त शुद्धि:
गुलाब का रस रक्त को साफ करने में मदद करता है। यह शरीर की विषाक्तता को कम करता है। - पाचन में सुधार:
गुलकंद खाने से पाचन बेहतर होता है। कब्ज से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन 5-10 ग्राम गुलकंद दूध के साथ लेना लाभकारी है। - आंखों के लिए लाभदायक:
गुलाब जल आंखों में डालने से आंखों में ठंडक आती है और जलन कम होती है। - चेहरे की चमक:
गुलाब जल चेहरे पर लगाने से त्वचा ताजगी महसूस करती है। इसे पूरे शरीर पर लगाकर स्नान करने से गर्मी का एहसास कम होता है। - मुंह की दुर्गंध में राहत:
गुलाब की पंखुड़ियों में लौंग और चीनी मिलाकर गोलियां बनाकर चूसने से मुंह की बदबू दूर होती है। - मसूड़ों और दांतों की सुरक्षा:
गुलाब की पंखुड़ियां खाने से मसूड़े मजबूत होते हैं। मसूड़ों से खून आना भी बंद हो जाता है। - सिर दर्द और माइग्रेन में आराम:
गुलाब के अर्क में सफेद चंदन पीसकर माथे पर लगाने से सिर दर्द में आराम मिलता है। - कान के दर्द में मदद:
गुलाब का ताजा रस कान में डालने से कान दर्द में आराम मिलता है। - शीतलता और ऊर्जा:
गुलाब का शरबत हृदय और मस्तिष्क को ठंडक देता है। यह गर्मी के मौसम में बेहद लाभकारी है। - हृदय की सेहत:
दिल की तेज धड़कन में गुलाब का चूर्ण मिश्री के साथ दूध में लेने से आराम मिलता है।
गुलकंद कैसे बनाएं?
- ताजी गुलाब की पंखुड़ियां लें।
- उन्हें साफ करके शहद में मिलाएं (पंखुड़ियों का आधा भाग शहद)।
- एक कांच के जार में डालकर 21 दिन तक धूप में रखें।
- तैयार गुलकंद को ठंडे स्थान पर संभालकर रखें।
अगर ताजी पंखुड़ियां नहीं मिलें, तो सूखी पंखुड़ियों का भी उपयोग कर सकते हैं। उन्हें कुछ देर पानी में भिगोकर इस्तेमाल करें।
निष्कर्ष:
गुलाब एक ऐसा पुष्प है, जिसमें सौंदर्य और स्वास्थ्य दोनों के गुण मौजूद हैं। इसका नियमित उपयोग शरीर को ताजगी, शीतलता और स्वास्थ्य दोनों प्रदान करता है।
लेखक:
डॉ. मीना अग्रवाल
नेचुरोपैथी
आगरा